हिसार, राजेंद्र अग्रवाल : हरियाणा विधानसभा के बजट सत्र के सातवें दिन महम से आजाद विधायक एवं जनसेवक मंच के संयोजक बलराज कुंडू ने बजट पर चर्चा के दौरान सरकार पर सवालों की झड़ी लगा दी। बड़ा सवाल उठाया कि जब एक दिन के लिए भी कोई विधायक बनता है तो उसकी पेंशन शुरू हो जाती है फिर 34-35 साल तक काम करने वाले लाखों कर्मचारियों को ओल्ड पेंशन क्यों नहीं दी जा रही ? उनके इस सवाल पर सत्ता पक्ष के पास तो कोई जवाब था ही नहीं विपक्ष के भी कई नेताओं का शोर सुनाई दिया।
इससे पूर्व तथ्यों और तर्कों का हवाला देते हुए कुंडू ने कहा कि सरकार एक तरफ तो कहती है कि हरियाणा आज उद्योगों में तरक्की कर रहा है। प्रति व्यक्ति निवेश के मामले में हरियाणा सबसे आगे है बावजूद इसके हरियाणा के बजट में महज 598 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। उद्योगों के लिए यह बजट पर्याप्त नहीं कहा जा सकता है। बलराज कुंडू ने युवाओं की आवाज को बुलंद तरीके से उठाते हुए हरियाणा सरकार की नीति और नियत पर भी सवाल उठाए। बलराज कुंडू ने कहा कि सरकार ने हर महीने बुजुर्गों को 5100 रुपए पैंशन देने का वादा किया था। बुजुर्गों की पैंशन 5100 करने की बजाय हजारों बुजुर्गों की पैंशन काट दी गई है।
बजट सत्र में बलराज कुंडू ने कर्मचारियों की मांगों के बारे में तथ्यों के साथ बात की। उन्होंने कहा कि पुरानी पैंशन बहाली को लेकर कर्मचारी वर्ग सड़कों पर है, पर सरकार ने खामोशी की चादर तानी हुई है। कुंडू ने सवालिया अंदाज में कहा कि जब एक दिन का चुना हुआ विधायक पैंशन का हकदार है तो कर्मचारी क्यों नहीं ? कर्मचारियों को पुरानी पेंशन का लाभ दोबारा दिया जाये कई राज्य ऐसा कर चुके हैं तो हरियाणा सरकार क्यों पीछे हट रही है।
बलराज कुंडू ने हरियाणा के विभिन्न विभागों में खाली पड़े पदों का मुद्दा भी उठाया। उन्होंने कहा कि सरकारी विभागों में हजारों पद खाली पड़े हैं। अकेले शिक्षा विभाग में साढ़े 38 हजार के करीब शिक्षकों के पद खाली हैं। इन पदों को भरने के लिए भी सरकार ने कोई काम नहीं किया। बलराज कुंडू ने कहा कि बजट विकास का आइना होता है, पर इस बजट में ऐसा कुछ नजर नहीं आता है। बजट भाषण में महज लच्छेदार बातें सुनने को ही मिलीं, तथ्य कुछ भी नहीं मिले और न ही किसी तरह के विकास का कोई रोडमैप नजर आता है।
बलराज कुंडू ने कहा कि सरकार ने हर जिले में मैडीकल कालेज बनाने का दावा किया पर हकीकत कुछ और ही है। उन्होंने कहा कि सोहना और पंचकूला में फिल्म सिटी बनाने के सपने दिखाए गए, लेकिन यह सब हवाई-हवाई ही साबित हुए। उन्होंने कहा कि सरकार ने आठवीं और 12वीं के बच्चों को टेबलेट देने का भी वादा किया। सभी वादे अधूरे हैं। कुंडू ने कहा कि सरकार ने 2022 तक किसानों की आय दोगुणी करने का दावा किया था। सरकार का यह दावा भी कागजी निकला। उन्होंने कहा कि अब जल्द ही मंडियों में गेहूं की फसल की आवक होने वाली है। सरकार की ओर से गेहूं खरीद के प्रबंध नहीं किए गए हैं और न हीं भंडारण की उचित व्यवस्था की है।
इससे पहले मंगलवाल सुबह शुरू हुए बजट सत्र में बलराज कुंडू ने रजिस्ट्री घोटाले पर सरकार को घेरा और तीखे सवाल पूछे। हरियाणा विधानसभा में ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर सप्लीमेंट्री बोलते हुए कुंडू ने सरकार को रजिस्ट्री घोटाले पर जमकर घेरते हुए पूछा कि जब जून 2020 में रजिस्ट्री घोटाले से संबंधित रिपोर्ट आ गई थी तो पौने 2 साल तक सरकार क्यों सोती रही? उन्होंने संशय प्रकट किया कि या तो सरकार की इसमें मिलीभगत है या फिर वह कार्रवाई करने में सक्षम नहीं है।
विधायक बलराज कुंडू ने सवाल दागा कि सरकार बताए कि नियम 7 ए के अंतर्गत बड़े पैमाने पर गलत रजिस्ट्रियां कैसे हो गई? कुंडू ने कहा कि सरकार के पास कोई जवाब ही नहीं है तो वह अधिकारियों की कमी का बहाना क्यों करती है? उन्होंने सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि पिछले पौने दो साल में करीब 70 हजार रजिस्ट्रियां फर्जी तरीके से हुई और सरकार उदासीन बनी रही। सरकार बताए कि पैसे लेकर अधिकारियों ने झूठी एनओसी कैसे कर दी?
विधायक कुंडू ने सरकार की ओर से जांच के नाम पर केवल दिखावा किया जा रहा है और वे अपनी जिम्मेदारी से भाग नहीं सकती। उन्होंने व्यंग्य कसते हुए पूछा कि क्या वह 2024 में कार्रवाई करना चाहती है? इस अवसर पर सदन में उपमुख्यमंत्री ने उनके सवालों का जवाब देते हुए कहा कि इस मामले में विजीलेंस टीम अपना कार्य कर रही है।
कुंडू ने बताया कि रजिस्ट्री घोटाले में न केवल क्लर्क बल्कि नायब तहसीलदार, तहसीलदार और जिला राजस्व अधिकारी तक शामिल हैं। हरियाणा के गुरुग्राम, रेवाड़ी, महेंद्रगढ़, करनाल, कैथल और पानीपत में रजिस्ट्रियों में बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा किया गया। अवैध तरीके से रजिस्ट्री करने के लिए लाखों में रिश्वत ली गई। सरकार की शह परस्ती पर अरबों का घोटाला किया गया और सरकार इस घोटाले पर पर्दा डालने की कोशिश कर रही है।