हिसार, राजेंद्र अग्रवाल : चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के नेहरू पुस्तकालय में भारतीय कृषि अनुंसधान एवं शिक्षा पद्धति को सक्षम बनाने के लिए डिजिटल पुस्तकालयों का उपयोग विषय पर भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् के तहत आने वाले सभी कृषि विश्वविद्यालयों एवं अनुसंधान संस्थानों में कार्यरत पुस्तकालयाध्यक्षों, विद्यार्थियों एवं शिक्षकों के लिए एक दिन का प्रशिक्षण कार्यक्रम का अयोजन किया गया।
इस कार्यक्रम का उद्देश्य भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् द्वारा स्थापित किए गए डिजीटल रिपोस्टरी कृषिकोष के उपयोग को बढ़ाना है। इस कार्यक्रम में लगभग 200 प्रतिभागियों ने भाग लिया।
कार्यक्रम का शुभारंभ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बी. आर. काम्बोज ने किया। उन्होंने प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए कहा कि केन्द्र एवं राज्य सरकारें कृषि एवं अनुसंधान के सूचना स्त्रोतों को ऑनलाइन उपलब्ध करने के लिए प्रतिवर्ष हजारों करोड़ रूपए खर्च कर रही हैं। अत: इन सूचना स्त्रोतों को कृषि शिक्षा एवं अनुसंधान में कार्यरत मानव संसाधन को अवगत कराना बहुत आवश्यक है ताकि वो लोग भारतीय कृषि क्षेत्र में हो रहे शिक्षण एवं अनुसंधानों की गुणवत्ता में लगातार सुधार कर सकें।
इस कार्यक्रम में विश्वविद्यालय पुस्तकालयाध्यक्ष डॉ. बलवान सिंह ने कार्यक्रम की रूपरेखा और वर्तमान एवं भविष्य में प्रदान किए जाने वाले सूचना स्त्रोतों से अवगत कराया जबकि भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, नई दिल्ली के प्रधान वैज्ञानिक डॉ. अमरेन्द्र कुमार ने कृषिकोष परियोजना के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
डॉ. अमरिंदर कुमार ने कृषिकोष डिजीटल रिपोस्टरी की महत्ता एवं उपयोगिता के बारे में प्रशिक्षण दिया। नेहरू पुस्तकालय के प्राध्यापक डॉ. राजीव कुमार पटेरिया ने भी व्याख्यान दिया डॉ. भानुप्रताप ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया। इस अवसर पर डॉ. सीमा परमार भी उपस्थित थी।