हकृवि का नया अनुसंधान केन्द्र राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन को पूरा करने में होगा मील का पत्थर साबित : कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री जय प्रकाश दलाल

हिसार, राजेंद्र अग्रवाल : हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री जय प्रकाश दलाल ने आज गोकलपुरा गांव में चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के 63 एकड़ भूमि पर बनने वाले पोषक अनाज अनुसंधान केन्द्र का शिलाान्यास किया। यह केन्द्र बरानी क्षेत्रों के किसानों के लिए बाजरा जैसी बरानी फसलों की उन्नत प्रौद्योगिकी विकसित करके वरदान साबित होगा।
कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री जय प्रकाश ने इस अवसर पर बोलते हुए कहा कि यह अनुसंधान केन्द्र सरकार के राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन को पूरा करने में मील का पत्थर साबित होगा। उन्होंने कहा  देश को खाद्यान्न सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए गेंहू और धान जैसी अधिक उत्पादकता व उपयोग वाली फसलों पर ध्यान केन्द्रित रहा है जिसके परिणामस्वरूप ऐसी नितियों का निर्माण हुआ जिससे पोषण तत्वों से भरपूर मोटे अनाज को प्राथमिकता नहीं मिली जबकि पोषण सुरक्षा की दृष्टि से मोटा अनाज बहुत महत्वपूर्ण है। अन्य फसलों की तुलना में इनको बारानी, कम उपजाऊ भूमि में उगाया जा सकता है और इनमें उच्च तापमान को सहन करने की क्षमता भी होती है। ये कम अवधि में पककर तैयार हो जाती हैं। उन्होंने कहा भारत सरकार ने पोषक अनाज के महत्व को स्वीकार करते हुए इन फसलों को बढ़ावा देने के लिए बाजरा को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन के एक अभिन्न अंग के रूप में शामिल किया है। मोटे अनाज जैसे बाजरा, ज्वार, रागी आदि में गेंहू और चावल की तुलना में वसा, फाइबर और खनिजों की मात्रा काफी अधिक होती है। हम अब इसका मूल्य संवधर््ान कर ऐसा कार्य करेंगे जिससे बाजरा व अन्य मोटे अनाजों की फाइव स्टार होटलों में मांग बढ़ेगी।
उन्होंने कहा कृषि अनुसंधानों में हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय देश भर में अग्रणी है। इस विश्वविद्यालय ने मोटे अनाज विशेषकर बाजरा जैसे पोष्टिक अनाज पर सराहनीय अनुसंधान किए हैं। यह पोषक अनाज अनुसंधान केन्द्र प्रदेश सरकार की आर्थिक सहायता से स्थापित किया जा रहा है ताकि बरानी क्षेत्रों के किसानों को मोटे अनाज की उन्नत किस्में व प्रौद्योगिकी मुहैया करवाई जा सके और इन्हे लोकप्रिय भी बनाया जा सके। उन्होंने कहा हरियाणा सरकार किसानों के हित के लिए तत्परता से कार्य कर रही है। इस परियोजना को मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल द्वारा अनुमोदित किया गया है और स्थायी वित्त समिति के बजटीय प्रावधान के साथ 53.60 करोड़ रूपए मंजूर किए गए हैं। इस अनुसंधान केन्द्र के लिए गोकलपुरा ग्राम पंचायत की ओर से 63 एकड़ भूमि का आवंटन किया गया है। उन्होंने इसके लिए ग्राम पंचायत का आभार व्यक्त किया और कहा कि इस अनुसंधान केन्द्र के स्थापित होने से दक्षिण हरियाणा में हरियाली आएगी और बाजरा का किसान समृद्ध होगा। इससे युवाओं को रोजगार के नए अवसर मिलेंगे और साथ ही इस क्षेत्र के विकास में भी मदद मिलेगी। उन्होंने बताया राज्य सरकार की ओर से इस केन्द्र के लिए वैज्ञानिक और सहायक स्टाफ के कुल 93 पदों को मंजूरी दी गई है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कुलपति प्रो. बी.आर. काम्बोज ने की। उन्होंने कहा विश्वविद्यालय में बाजरा की अब तक 17 संकर और 4 कम्पोजिट किस्में विकसित की जा चुकी हैं। इसके अतिरिक्त केन्द्रीय कृषि मंत्रालय की ओर से विश्वविद्यालय के खाद्य एवं पोषण विभाग को प्रदान किए गए बाजरा उत्कृष्टता केन्द्र द्वारा बाजरा के मूल्य संवर्धित पारंपरिक और नवीन उत्पाद तैयार कर इन्हे लोकप्रिय बनाया जा रहा है।
कुलपति ने कहा इस अनुसंधान केन्द्र के शुरू होने से बाजरा जैसे पोषक अनाज पर अनुसंधानों को और गति मिलेगी। इस केन्द्र पर पोषक अनाज की उच्च पैदावार वाली कीट व रोगरोधी उन्नत किस्मों का विकास व खेती की उन्नत पद्वतियों पर शोध कार्य करने के साथ देश व अन्य जगहों पर उपलब्ध पोषक अनाज के जर्मप्लाज्म का संग्रह किया जाएगा। इनके अतिरिक्त इस केन्द्र पर पोषक अनाज के प्रसंस्करण और मूल्यसंवर्धन पर कार्य करने के साथ किसानों के उद्यमिता विकास में मदद की जाएगी। उन्होंने बताया कि इस अनुसंधान केन्द्र पर आगामी वर्ष से शोध कार्य शुरू कर दिया जाएगा। हम बाजरा को वैज्ञानिक तकनीक के माध्यम से और पौष्टिक बनाने तथा इसकी शेल्फ लाइफ बढ़ाने पर भी कार्य करेंगे। हमारे सभी प्रयास किसान केन्द्रित होंगे ताकि बरानी क्षेत्रों के किसानों की आमदनी को भी बढ़ाया जा सके।
हकृवि के अनुसंधान निदेशक डॉ. रामनिवास ढांडा ने बताया  इस अनुसंधान केन्द्र में करीब 2570 वर्ग मीटर में एक क्षेत्रीय केन्द्र परिसर, एक आवासीय परिसर, किसान छात्रावास के अलावा कार्यालय, सम्मेलन कक्ष, प्रयोगशाला और व्याख्यान कक्ष बनाए जाएंगे। इस मौके पर कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री ने कपास की फसल से पहले गुलाबी सुण्डी का प्रबंधन विषय पर कृषि मेला का उद्घाटन भी किया। कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के सभी अधिष्ठाता, निदेशक और भिवानी के उपायुक्त सहित भारी संख्या में किसान उपस्थित थे। इस कार्यक्रम में सभी अतिथिगणों का स्वागत अनुसंधान निदेशक डॉ. रामनिवास ने व धन्यवाद प्रस्वाव विस्तार शिक्षा निदेशक, डॉ. बलवान ने किया।