चित्तौड़गढ़ (राजस्थान), चन्द्रप्रकाश भावसार : चित्तौड़गढ़ 9 मार्च, बड़ीसादड़ी - राजस्थान शिक्षक संघ राष्ट्रीय के जिला मंत्री प्रकाश चंद्र बक्षी ने बताया कि इस सत्र में बहुत ही कम दिन विद्यालय में औपचारिक अध्ययन कार्य संपन्न हो पाया है। कोविड के चलते छात्रों के लर्निंग गैप बहुत अधिक हो गया है। उसे स्तर पर लाने की बड़ी चुनौती है। साथ ही इसी माह में बोर्ड कक्षाओं की परीक्षा प्रारंभ होने वाली है। इस समय सबसे अधिक शिक्षक की आवश्यकता छात्रों को है, एवं शिक्षक भी इनके रिजल्ट के प्रति चिंतित है। फिर भी कभी किसी कार्यशाला में, कभी कोई प्रशिक्षण कार्यक्रम में ड्यूटी लगाई जा रही है। पढ़ाई के दिनों में स्काउट की ट्रेनिंग इतनी महत्वपूर्ण हो गई कि प्रतिनियुक्ति शिक्षको को आदेशित किया गया कि इस प्रशिक्षण के लिए आप अपने उच्च अधिकारी की स्वीकृति के बिना स्वयं ही कार्य मुक्त हो जावे और प्रशिक्षण में भाग लेवे। इस प्रकार के आदेश तो निर्वाचन जैसे महत्वपूर्ण कार्यों के लिए भी नही निकले जाते है। इससे यह प्रतीत होता है कि शिक्षा विभाग एवं इसमें आला अधिकारियों को बालको की पढ़ाई की कोई चिंता नहीं रही है।
संगठन के प्रदेश महामंत्री ने शिक्षको से गैर शैक्षिक कार्य नही करवाने के लिए पूर्व में भी मुख्यमंत्री एवं शिक्षा मंत्री को पत्र प्रेषित कर चुके है ।
राजस्थान शिक्षक संघ राष्ट्रीय के प्रदेश महामंत्री अरविंद व्यास, प्रदेश सचिव माध्यमिक शिक्षा रमेश चंद्र पुष्करणा, संभाग महिला संगठन मंत्री पवन शेखावत, विभाग संगठन मंत्री डॉ हीरालाल लोहार जिला अध्यक्ष रमेश पुरोहित जिला मंत्री प्रकाश चंद्र बक्षी, जिला संगठन मंत्री तेजपाल सिंह शक्तावत, प्रदेश कार्यकारिणी के गोपाल शर्मा, सोनल ओझा,जिला सभा अध्यक्ष सैयद मुकर्रम अली, जिला कोषाध्यक्ष नर्मदा शंकर पुष्करणा, जिला वरिष्ठ उपा अध्यक्ष कमलेश उपाध्याय, अतिरिक्त जिला मंत्री राजेंद्र व्यास जिला महिला मंत्री मधु जैन, जिला उपाध्यक्ष नौसर जाट आदि में बताया कि इस प्रकार से परीक्षा के समय में छात्रों के हित को नजरअंदाज कर शिक्षको को गैर शैक्षिक कार्य में लगाना अनुचित एवं बालको के भविष्य के साथ कुठाराघात है । इस प्रकार के आदेशों की संगठन गौर निंदा की एवं संगठन ने संपूर्ण जिले में समस्त प्रकार के गैर शैक्षिक कार्यों में की गई प्रतिनियुक्ति तत्काल निरस्त करने की प्रशासन से मांग की।