कुपोषित बच्चों के स्वास्थ्य सुधार हेतु आयोजित की जाएगी प्रतियोगिता : उपायुक्त

हिसार, राजेन्द्र अग्रवालः  बच्चों को छोटा भीम तथा माता को बेस्ट मदर का अवार्ड दिया जाएगा।
        उपायुक्त डॉ प्रियंका सोनी ने कहा कि बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए उसका शारीरिक एवं मानसिक रूप से स्वस्थ होना बहुत जरूरी है। 6 माह तक मां का दूध बच्चे के लिए सर्वोत्तम आहार है।
वे सोमवार को लघु सचिवालय परिसर स्थित जिला सभागार में महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा गंभीर कुपोषित बच्चों की देखभाल बारे एक दिवसीय जिला स्तरीय कार्यशाला में उपस्थित कुपोषित बच्चों की माताओं को संबोधित कर रही थी। आज़्ाादी की 75वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में मनाए जा रहे आज़्ाादी के अमृत महोत्सव की श्रृंखला में पोषण अभियान के तहत यह कार्यशाला आयोजित की गई। विभाग द्वारा कुपोषित बच्चों के स्वास्थ्य में सुधार को लेकर अगले माह एक प्रतियोगिता का आयोजन किया जाएगा, जिसमें बच्चे को छोटा भीम तथा माता को बेस्ट मदर का अवार्ड दिया जाएगा। उपायुक्त ने माताओं से कहा कि वे अपने बच्चों को हष्ट-पुष्ट, शारीरिक एवं मानसिक रूप से मजबूत बनाने का लक्ष्य निर्धारित करें। उन्होंने कार्यशाला में गंभीर कुपोषित बच्चों की माताओं को पौष्टिक आहार के थैले भी वितरित किए। कार्यशाला में पोषण अभियान के तहत सही पोषण-देश रोशन विषय को लेकर शपथ भी दिलाई गई।
जिला कार्यक्रम अधिकारी सुनीता यादव ने बताया कि गंभीर कुपोषित बच्चों की स्थिति में सुधार करने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। माताओं एवं बच्चों को पौष्टिक आहार के साथ-साथ खानपान के बारे में जानकारी दी जा रही है।  बच्चों को बाजरे के लड्डू भी वितरित किए गए हैं। जिले में पहले गंभीर कुपोषित बच्चों की संख्या 505 थी, जो अब घटकर 104 रह गई है।
सिविल सर्जन डॉ रत्ना भारती ने बताया कि अधिकांश महिलाओं में खून की कमी पाई जाती है, इसलिए महिलाएं पौष्टिक आहार के साथ-साथ आयरन एवं कैल्शियम की गोलियां लेना सुनिश्चित करें। आयरन की गोली खाली पेट तथा कैल्शियम की गोली उसके दो घंटे पश्चात ले। डॉ मंजू ने कार्यशाला में बच्चों एवं माताओं के खानपान के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि 6 माह के उपरांत बच्चे को ऊपरी आहार देना शुरू करें। दलिया, खिचड़ी, चूरमा, हलवा, सब्जियां और फल खिलाने से बच्चा शारीरिक रूप से हष्ट-पुष्ट होगा।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री सुशासन सहयोगी अनुष्का मिश्रा, महिला एवं बाल विकास परियोजना अधिकारी सुशीला शर्मा, डॉ रविंद्र, अधीक्षक सुरेश कुमार, जिला समन्वयक जीनेश सहित विभाग की अनेक डब्ल्यू सीडीपीओ व सुपरवाइजर उपस्थित थी।