प्रभु सुमिरन के लिए ही कुंति ने भगवान से दु:ख मांगा 51 क्लशों की परिक्रमा उपरांत डीसी कॉलोनी में श्रीमद्भागवत कथा प्रारंभ

हिसार, राजेन्द्र अग्रवालः डीसी कॉलोनी स्थित रघुनाथ मंदिर पार्क में श्रीमद्भागवत कथा का शुभारंभ वृंदावन से कथाकार पंडित राधामोहन भारद्वाज के
सान्निध्य में हुआ।अक्षय प्रेम सेवा समिति की ओर से कराई जा रही कथा प्रारंभ से पूर्व 51 क्लशों की परिक्रमा डीसी कॉलोनी, एमसी कॉलोनी
और अर्बन एस्टेट क्षेत्र में निकाली गई।
मुख्य यजमान समाजसेवी एवं उद्योगपति रामफल शर्मा पाबड़ा वाले एवं उनकी धर्मपत्नी मधु शर्मा रहे। रामफल शर्मा ने कहा कि समिति जरूरतमंद बच्चों के लिए कार्य कर रही है।यह उनका सौभाग्य है कि उन्हें ऐसे कार्यक्रम से जुडऩे का अवसर मिलता है।समिति की प्रधान गीता कृष्ण शास्त्री ने बताया कि 11 मार्च को कथा के समापन पर हवन के बाद प्रसाद रूपी भंडारा लगाया जाएगा।
कथा स्थल पर पहुंचे भक्तों को धर्मलाभ देते हुए पंडित राधामोहन ने कहा कि वृंदावन धाम असल में शांति धाम है। जो कोई विचिलत है, उसे एक बार वृंदावन धाम में अवश्य भ्रमण करना चाहिए। मन शांत होगा तो खुशहाली स्वत: आ जाएगी।अमूमन लोग भगवान से सुख मांगते हैं, किंतु माता कुंती ने भगवान श्रीकृष्ण से दु:ख मांगा।स्पष्ट है कि लोग दु:ख में ही भगवान को याद करते हैं।माता कुंती ने कहा कि प्रभु सुमिरन के लिए वह ताउम्र दु:ख भी भोग सकती है, किंतु अपने प्रभु को नहीं त्याग सकती। नारद मुनि प्रसंग श्रवण कराते हुए पंडित जी बताते हैं कि जब नारद मुनि सारे ब्राहंड में भ्रमण कर आए, किंतु शांति नहीं मिली
तो अंत में वे भी वृंदावन धाम पहुंचे।उन्होंने कहा कि भागवतकथा श्रवण से केवल जीवितों को ही मुक्ति नहीं मिलती बल्कि किसी के मरणोपरांत भी श्रीमद्भागवत कथा कराई जाए तो निश्चित ही वह मुक्ति धाम में प्रभु के चरणों में ही जाएगा।इस अवसर पर इस अवसर पर पूनम शर्मा, सुशीला जैन, रीतू पूनिया, शशि चुघ, मधु शर्मा, कलावती यादव, ईश्वर आदि मौजूद रहीं।
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एक सहयोग ऐसा भी
यह कथा इसलिए भी खास बन गई है कि यहां कथा श्रवण के दौरान जो भी दान और सहयोग राशि आती है, उससे जरूरतमंद बच्चों के पालन-पोष्ण, पढ़ाई आदि पर वहन किया जाता है।समिति से जुड़ी पूनम शर्मा बताती हैं कि समिति ने शहर की बस्तियों के 32 जरूरतमंद बच्चे गोद लिए हुए हैं।इनका लगभग हर तरह का खर्चा समिति ही उठा रही है।जब तक बच्चा काबिल बनकर अपने पैरों पर न खड़ा हो जाए तो समिति उसका यथासंभव सहयोग करती है। यह सिलसिला 7 वर्षों से चला आ रहा है।समिति के संस्थापक स्वर्गीय सुभाष कृष्ण शास्त्री ने यह नेक कार्य शुभारंभ किया था जिसे अब उनकी धर्मपत्नी एवं प्रधान
गीता कृष्ण शास्त्री सदस्यों एवं समाजसेवियों संग मिलकर बखूभी निभा रही हैं।