हिसार, राजेन्द्र अग्रवालः चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय 15-16 मार्च को कृषि मेला (खरीफ) का आयोजन करेगा। कुलपति प्रो. बी.आर. काम्बोज ने यह जानकारी देते हुए बताया कि इस वर्ष मेले का विषय प्राकृतिक खेती होगा। कुलपति ने कहा प्राकृतिक खेती आज समय की मांग है। पर्यावरण सुरक्षा और मानव स्वास्थ्य के लिए यह बेहतर कृषि पद्धति है। इससे भूमि की गुणवत्ता में सुधार होता है और किसानों की आमदनी भी बढ़ती है। उन्होंने बताया मेले में आगंतुक किसानों को विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों द्वारा प्राकृतिक खेती बारे सभी जानकारियां दी जाएंगी।
उनके अनुसार इस मेले में किसानों के साथ बीज, उर्वरक, कीटनाशक, कृषि मशीनें व यंत्र निर्माता कंपनियां भी भाग लेंगी। किसानों को विभिन्न कृषि कार्यों के लिए उपयुक्त मशीनों, यंत्रों एवं उनकी कार्य प्रणाली के बारे में जानने का अवसर मिलेगा। इसके अतिरिक्त किसानों को इन मशीनों की कीमत तथा इनके निर्माताओं की भी जानकारी मिल सकेगी।
कृषि मेला (खरीफ)-2022 के बारे में और जानकारी देते हुए विस्तार शिक्षा निदेशक डॉ. राम निवास ढांढा ने बताया कि पूर्व की भांति इस साल भी यह मेला विश्वविद्यालय के गेट न. 3 के सामने अनुसंधान फार्म पर लगाया जाएगा। मेले में किसानों को विश्वविद्यालय की ओर से सिफारिश की गई खरीफ फसलों के उन्नत बीज तथा बायोफर्टिलाईज़र के अतिरिक्त कृषि साहित्य उपलब्ध करवाए जाएंगे। इसके लिए मेला स्थल पर विभिन्न सरकारी बीज एजेंसियों के सहयोग से बिक्री काउंंटर स्थापित किए जाएंगे। किसानों को विश्वविद्यालय के अनुसंधान फार्म पर वैज्ञानिकों द्वारा उगाई गई रबी फसलें दिखाई जाएंगी तथा उनमें प्रयोग की गई तकनालोजी की जानकारी दी जाएगी। इस अवसर पर फसल प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएंगी। उन्होंने बताया कि किसानों की कृषि, पशुपालन तथा गृहविज्ञान संबंधी समस्याओं का समाधान करने के लिए मेले के दोनों दिन प्रश्रोत्तरी सभाएं आयोजित की जाएंगी। मेला स्थल पर मिट्टी, सिंचाई जल व रोगी पौधों की वैज्ञानिक जांच करवाने की किसानों को सुविधा दी जाएगी। इस अवसर पर उन्नत नस्ल के पशुओं की प्रदर्शनी तथा फसल प्रतियोगिताएं भी आयोजित की जाएंगी।
उधर, संयुक्त निदेशक (विस्तार) डॉ. कृष्ण यादव ने बताया कि मेले में लगने वाली एग्रो-इंडस्ट्रियल प्रदर्शनी के लिए स्टॉलों की बुकिंग जारी है। प्राइवेट कंपनियों को स्टॉल पहले आओ, पहले पाओ के आधार पर आवंटित किए जा रहे हैं। किसानों के मनोरंजन के लिए दोनों दिन हरियाणावी सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन भी किया जाएगा।
यहां उल्लेखनीय है कि हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हर साल मार्च में कृषि मेला आयोजित करता है जिसमें हरियाणा तथा पड़ोसी राज्यों से हजारों किसान भाग लेते हैं। इस मेले में एग्रो-इंडस्ट्रियल प्रदर्शनी भी लगाई जाती है जिसमें हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय, लुवास तथा हरियाणा कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के अतिरिक्त विभिन्न कृषि निविष्टों तथा फार्म मशीनरी बनाने वाली कंपनियां भी भाग लेकर अपनी तकनालोजी प्रदर्शित करती हैं।