हिसार, राजेन्द्र अग्रवालः हरियाणा रोडवेज संयुक्त कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष दलबीर किरमारा ने केन्द्र सरकार से अपील की है कि वह यूक्रेन में फंसे भारतीय बच्चों को लाने की कार्रवाई में तत्परता दिखाए। उन्होंने कहा कि अन्य लगभग सभी देशों ने यूक्रेन से अपने बच्चों को निकाल लिया है लेकिन भारत के बच्चे वहां परेशानी झेल रहे हैं और उनके साथ मारपीट तक के वीडियो भी सामने आ रहे हैं, जो चिंता का विषय है।
दलबीर किरमारा ने कहा कि रूस व यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध के कारण भारत के हजारों बच्चे यूक्रेन में फंसे हुए हैं। केन्द्र सरकार पिछले कई दिनों से इन बच्चों को लाने बारे बयानबाजी कर रही है लेकिन इस बयानबाजी में तत्परता का अभाव है। यही नहीं, जितनी तत्परता बयानबाजी में दिखाई जा रही है, उतनी तत्परता इन बच्चों को लाने में नहीं दिखाई जा रही। यही कारण है कि इतने दिनों के बाद भी मात्र 1500 बच्चों को वहां से लाया जा सका है जबकि अब भी हजारों बच्चे वहां पर फंसे हुए हैं और युद्ध की हालत में इन बच्चों को खुले आसमान के नीचे सर्दी में रात-दिन काटने पड़ रहे हैं। बच्चों को लाने में देरी व सामने आ रहे उनके वीडियो को देखकर बच्चों के परिजनों का बुरा हाल है और वे परिजन अब एक ही आस में है कि सरकार बयानबाजी छोडक़र बच्चों को लाने में गंभीरता दिखाए।
दलबीर किरमारा ने कहा कि भारत के हजारों बच्चे यूक्रेन में फंसे हुए हैं और उन बच्चों को मानवीय आधार पर वहां से निकालना चाहिए। यह मुद्ध पक्ष या विपक्ष का नहीं है और देश के इन बच्चों को लाने के लिए हर देशवासी को एकजुट रहना चाहिए लेकिन देखा जा रहा है कि पिछले कुछ दिनों से बच्चों को लाने में वाहवाही ज्यादा लूटी जा रही है और इस मामले में महिमामंडन ज्यादा हो रहा है। यही सही है कि किसी आपदा या संकट के समय जो सरकार अच्छा काम करे, उसकी प्रशंसा केवल सत्तापक्ष ही नहीं बल्कि विपक्ष व आम जनता भी करे लेकिन पहली बार देखा जा रहा है कि सारा देश चुप है और सत्तापक्ष ही वाहवाही करने में लगा है। यह वाहवाही उन परिजनों के जख्मों पर नमक का काम कर रही है, जिनके बच्चे यूक्रेन में फंसे हुए हैं।