हिसार, राजेन्द्र अग्रवालः राज्य की भाजपा-जजपा सरकार किसानों के साथ भेदभाव कर रही है। आए दिन ऐसी नीतियां लागू की जा रही है, जिससे किसानों की परेशानियां बढ़ रही हैं। 2020 व 2021 में खराब हुई फसलों के मुआवजे को लेकर जो सरकार ने शर्तें लगाई हैं वह किसान हित में नहीं है। मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल को मैंने पत्र भी लिखा है और उनसे एक बार फिर से मांग करता हूँ कि जल्द से जल्द इस दिशा में किसानों की मांगे स्वीकार करके उन्हें राहत प्रदान करे। यह बात कांग्रेस कार्यसमिति सदस्य एवं विधायक कुलदीप बिश्नोई ने आज बालसमंद में किसान सभा द्वारा दिए जा रहे धरने को संबोधित करते हुए कहे। किसानों का हर संघर्ष में साथ देने का आश्वासन देते हुए उन्होंने कहा कि सरकार को उनकी मांग माननी ही होगी। उन्होंने कहा कि आगामी बजट सत्र में भी किसानों की आवाज सरकार तक पहुंचाएंगे और किसानों को उचित मुआवजा राशी दिए जाने की मांग करेंगे।
कुलदीप बिश्नोई ने कहा कि प्राकृतिक आपदा एवं सरकार की किसान विरोधी नीतियों से किसानों पर दोहरी मार पड़ रही है। सरकार की ओर से जो मुआवजा राशी दी जा रही है, उसमें शर्त लगाई गई है कि पांच एकड़ से ज्यादा किसी भी किसान को मुआवजा नहीं मिलेगा, जो कि पूरी तरह से गलत है। उन सभी किसानों को उनकी पूरी खराब फसल का मुआवजा मिलना चाहिए। मूंग का एमएसपी 7250 रूपए है, जबकि मंडियों में किसानों की मूंग की फसल एमएसपी से बहुत ही कम दामों बिकी, क्योंकि भारी बारिश की वजह से मूंग की फसलें खराब हो गई थी। इस प्रकार से सरकार ने खुद माना है कि किसानों को नुकसान हुआ है। कुलदीप बिश्नोई ने कहा कि किसानों के लिए संघर्ष करने का उनका पुराना इतिहास रहा है और जब-जब किसान हितों पर आंच आएगी तब-तब वे किसी भी संघर्ष या कुर्बानी से पीछे नहीं हटेंगे। किसान विरोधी भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार के खिलाफ आज हर वर्ग में भारी असंतोष है और राज्य के हर कौने में किसान, व्यापारी, कर्मचारी, युवा वर्ग सडक़ों पर उतरकर धरने, प्रदर्शन करता नजर आ रहा है। इस दौरान रणधीर पनिहार, जयवीर गिल, यज्ञदत शर्मा, रामबीर महंत, रणबीर बिजला, राजेश लोरा, जगदीश सरपंच, सुधीर काकड़, गुलाब भादू आदि मौजूद थे।