हिसार, राजेन्द्र अग्रवालः चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय का सायना नेहवाल कृषि प्रौद्योगिकी प्रशिक्षण एवं शिक्षा संस्थान कोविड काल के इस दौर में अब न केवल हरियाणा बल्कि देश के दूसरे राज्यों में भी किसानों को घर बैठे ऑनलाइन प्रशिक्षणों की सुविधा उपलब्ध करवा रहा है। इस संस्थान के सह निदेशक (प्रशिक्षण) डॉ. अशोक कुमार गोदारा ने बताया कि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बी.आर. काम्बोज ने गत 11 जनवरी को संस्थान में ऑनलाइन सुविधा से लैस एक कान्फैंस हाल का उद्घाटन किया था। इस सुविधा के चलते अब किसानों व बेरोजगार युवकों को ऑनलाइन प्रशिक्षण देना आसान हो गया है। डॉ. गोदारा सायना नेहवाल कृषि प्रौद्योगिकी प्रशिक्षण एवं शिक्षा संस्थान तथा कृषि प्रौद्योगिकी केन्द्र फतेहाबाद के आपसी सहयोग से मधुमक्खी पालन विषय पर आयोजित किए गए तीन दिवसीय ऑनलाइन प्रशिक्षण के समापन अवसर पर बोल रहे थे।
उन्होंने बताया इस प्रशिक्षण में विशेषज्ञों द्वारा क्लास सायना नेहवाल कृषि प्रौद्योगिकी प्रशिक्षण एवं शिक्षा संस्थान के कान्फ्रैंस हाल से ली गई तथा प्रतिभागियों को कृषि विज्ञान केन्द्र फतेहाबाद में प्रोजैक्टर के माध्यम से पढ़ाया गया। डॉ. गोदारा ने बताया कि बेरोजगार युवा मधुमक्खी पालन को अपनाकर खुद का रोजगार शुरू कर सकते हैं तथा किसान खेती के साथ-साथ इससे अतिरिक्त आय ले सकते हंै।
प्रशिक्षण के संयोजक डॉ. भूपेन्द्र सिंह ने बताया कि इस प्रशिक्षण में बढ़ोपल व आस पास के गांवों से लगभग 35 प्रतिभागियों ने भाग लिया। प्रतिभागियों के इस समूह की अगुवाई विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र डॉ. रामेश्वर दास बिश्नोई ने की। प्रशिक्षण के दौरान मधुमक्खी विशेषज्ञों डॉ. योगेश कुमार, डॉ. सुनीता यादव, डॉ. हरीश कुमार व डॉ. मनोज ने मधुमक्खी पालन के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि मधुमक्खी पालन एक बहुत ही सस्ता व सरल व्यवसाय है जो बहुत कम लागत से शुरू किया जा सकता है। मधुमक्खी पालन से न केवल शहद बल्कि अन्य पदार्थ जैसे मोम, प्रोपोलिस, पराग, रॉयल जैली तथा मौन विष भी मिलते हैं जिनको बेचकर मधुमक्खी पालक अतिरिक्त आय ले सकते हैं।
डॉ. सुरेन्द्र सिंह ने बताया कि मधुमक्खियां परागण क्रिया द्वारा फसलों की पैदावार को कई गुणा तक बढ़ाकर किसानों को अप्रत्यक्ष रूप से लाभ पहुंचाती है। डॉ. निर्मल कुमार ने शहद की मार्केटिंग के बारे में बताते हुए मधुमक्खी पालन शुरू करने के लिए सरकार द्वारा दी जाने वाली वित्तीय सहायता के बारे में किसानों को अवगत कराया।