हिसार, राजेन्द्र अग्रवालः हरियाणा रोडवेज संयुक्त कर्मचारी संघ ने दावा किया है कि हरियाणा रोडवेज सांझा मोर्चा के नेतृत्व में 28 व 29 मार्च को होने वाली हड़ताल व अन्य कार्यक्रमों की तैयारियां जोरों पर है। संघ के अनुसार हड़ताल से पहले 4 मार्च को राज्य के हर डिपो में दो घंटे के प्रदर्शन व 13 मार्च को करनाल में मुख्यमंत्री के कैंप कार्यालय के घेराव की तैयारियां की जा रही है।
हरियाणा रोडवेज संयुक्त कर्मचारी संघ के राज्य प्रधान दलबीर किरमारा एवं महासचिव आजाद गिल ने कहा कि हरियाणा रोडवेज में 11 यूनियनों का सांझा मोर्चा बनाया गया है ताकि संयुक्त आंदोलन करके कर्मचारियों की मांगों व समस्याओं का हल करवाकर रोडवेज के निजीकरण पर रोक लगाई जा सके। उन्होंने कहा कि रोडवेज कर्मचारी दिन-रात, सर्दी-गर्मी की परवाह न करके विभाग हित में कार्य करता है लेकिन जब उसे लाभ देने की बारी आती है तो विभाग में घाटे का बहाना करके टाल दिया जाता है। उन्होंने कहा कि रोडवेज में घाटे के लिए कर्मचारी जिम्मेवार नहीं है बल्कि सरकारों की गलत नीतियों व अधिकारियों के भ्रष्टाचार के कारण विभाग में घाटा है। सरकार अपनी गलत नीतियों व अधिकारियों के भ्रष्टाचार पर रोक लगाए तो विभाग को मुनाफे में आने से कोई नहीं रोक सकता। उन्होंने कहा कि 4 मार्च को हर डिपो में 10 से 12 बजे तक प्रदर्शन किया जाएगा, 13 मार्च को सीएम के कैंप कार्यालय का घेराव किया जाएगा तथा 28 व 29 मार्च को राष्ट्रव्यापी हड़ताल के साथ रोडवेज कर्मचारी भी हड़ताल करके अपनी आवाज बुलंद करेंगे।
दलबीर किरमारा एवं आजाद गिल ने कहा कि वर्ष 2000 के दौरान केन्द्र की सरकार ने एक योजना के तहत वर्ष 2004 के बाद लगे कर्मचारियों को पैंशन लाभ से वंचित किया था, जो सबसे बड़ा कर्मचारी विरोधी फैसला था। अब हाल ही में राजस्थान सरकार ने वर्ष 2004 के बाद लगे अपने कर्मचारियों को पैंशन लाभ देने का ऐलान किया है। इसी तरह महाराष्ट्र सरकार ने भी घोषणा की है। पंजाब में भी ऐसी घोषणा की जा चुकी है लेकिन इन घोषणाओं के बीच जरूरी है कि ये सरकारें अपनी घोषणाओं को अमलीजामा पहनाए ताकि कर्मचारी वर्ग अपने भविष्य को सुरक्षित महसूस करे। रोडवेज नेताओं ने कहा कि विभिन्न राज्य सरकारों की घोषणाओं को देखते हुए हरियाणा सरकार को भी चाहिए कि वह तुरंत कर्मचारियों के लिए पैंशन योजना लागू करके कर्मचारी वर्ग की लंबे समय से चल रही मांग को पूरा करे।