हिसार, राजेन्द्र अग्रवालः चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के मृदा विज्ञान विभाग और कृषि व किसान कल्याण विभाग हरियाणा के संयुक्त तत्वावधान में मिट्टी व सिंचाई जल की जांच बारे आयोजित किया गया चार दिवसीय प्रशिक्षण सम्पन्न हुआ।
यह प्रशिक्षण मुख्यमंत्री की महत्वाकांक्षी योजना ‘हर खेत स्वस्थ खेत’ व ‘सीखो और कमाओ’ के तहत, जिसका उद्देश्य पूरे हरियाणा राज्य के सभी ब्लॉक के प्रत्येक एकड़ भूमि का मृदा स्वास्थ्य कार्ड बनाना है, के लिए आयोजित किया गया था। इस कड़ी में हाल ही में आयोजित किया गया यह दूसरा प्रशिक्षण था। इससे पहले यह प्रशिक्षण 14 से 18 फरवरी तक आयोजित किया गया था। इन प्रशिक्षणों में जिला हिसार, रोहतक, भिवानी, सिरसा, जींद, फतेहाबाद, महेन्द्रगढ़ व झज्जर के सरकारी स्कूलों तथा कॉलेजों के कुल 55 शिक्षक शामिल हुए।
कार्यक्रम के समापन अवसर पर कृषि महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ. एस.के. पाहुजा ने प्रतिभागियों को प्रमाण-पत्र वितरित किए तथा उन्हे किसानों की सहायता करने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा किसानों को मिट्टी-पानी जांच के बिना उचित पैदावार नहीं मिल पाती। बिना खेत की मिट्टी-पानी जांच के किसान फसलों व अन्य बागवानी फसलों में आवश्यकतानुसार खाद-पानी नहीं दे पाते जिससे उन्हें गुणवत्ताशील उचित पैदावार प्राप्त नहीं हो पाती। उन्होंने किसानों से भी आह्वान किया कि वे अपने खेत की मिट्टी की जांच समय पर अवश्य करवायें। इससे न केवल किसानों द्वारा खेतों में प्रयोग किए जाने वाले रसायनिक उर्वरकों का खर्च कम होगा बल्कि पर्यावरण संरक्षण भी होगा।
मृदा विज्ञान विभागाध्यक्ष, डॉ. एस.के. ठकराल ने बताया कि इन प्रशिक्षणों के दौरान प्रतिभागियों को सिंचाई तथा ट्यूबवेल के पानी के नमूने लेना, मिट्टी के नमूनों को एकत्रित करने का ढंग, मिट्टी में उपलब्ध नाइट्रोजन, फॉस्फोरस, पोटाशियम, कैल्शियम, मग्नेशियम, सल्फर, जिंक, मैंगनीज, कॉपर व आयरन जैसे पोषक तत्वों के विश्लेषण बारे में विस्तार से जानकारी दी गई। इसके अलावा उन्हे पानी के विश्लेषण के बारे में भी विस्तारपूर्वक बताया गया।
इन प्रशिक्षणों में हकृवि के मृदा विज्ञान विभाग के सभी वैज्ञानिकों ने अपनी विशेषज्ञता के अनुसार भूमि में मौजूद मुख्य तथा सूक्ष्म पोषक तत्वों के विशलेषण की जानकारी दी। इस कार्यक्रम दौरान उन्हे मिनि सोयल टेस्टिंग किट व इसके प्रयोग के बारे में भी बताया गया। कार्यक्रम में मृदा प्रशिक्षण अधिकारी हांसी, डॉ. सतबीर बेडवाल भी मौजूद थे। इन प्रशिक्षणों के आयोजन में मृदा विज्ञान विभाग से डॉ. के.के. भारद्वाज व डॉ. उषा वशिष्ठ का विशेष योगदान रहा।