हिसार, राजेन्द्र अग्रवालः जनता और विपक्ष के विरोध के बाद हरियाणा सरकार ने 2022 को नई विकास शुल्क नीति को वापिस ले लिया है और भाजपा के नेता इसके लिए वाहवाही बटोर रहे है कि सरकार ने जनता की बात मान ली है
मगर इसके विपरित आम आदमी पार्टी के नेता सचिन जैन ने कहा कि सरकार अपने इस फैसले से जनता को मूर्ख बना रही है क्योंकि सरकार ने अपना फैसला तो वापस ले लिया मगर इसमें पुराना फैसला लागू करने के बजाय 2018 का फैसला लागू करने का फैसला किया है जो कि जनता को मूर्ख बनाने जैसा है
जैन ने कहा कि अब तक हरियाणा में 2013 की विकास शुल्क नीति लागू थी जिसके तहत 30, 50, 100 और 150 रुपए गज के हिसाब से शुल्क लिया जाता था और 2018 वाला कानून जो लागू किया है उसमे 160, 240, 360 और 500 रुपए गज के हिसाब से शुल्क लिया जाएगा जो कि पुरानी नीति से ज्यादा ही है, इसके साथ ही 2018 वाले कानून में भी 5% शुल्क लेने का प्रावधान है
जैन ने कहा कि उनकी जानकारी के अनुसार 2018 वाला कानून पहले अर्ध विकसित 50% से ज्यादा बसी कॉलोनियों के लिए था जिसे अब सभी कॉलोनी पर लागू करने की सरकार बात कर रही है
जैन ने कहा कि 2022 विकास शुल्क नीति के खिलाफ जो अभियान जनता और विपक्ष ने चलाया था वहा 2013 वाली नीति लागू करवाने के लिए था न की 2018 वाली नीति, अतः आम आदमी पार्टी सरकार से अपील करती है की सरकार जनता को मूर्ख बनाने की बजाय जन हित में काम करे वरना आने वाले नगर निकाय चुनाव में जनता उनकी जेब पर डाका डालने वाली सरकार को बाहर करने का काम करेगी