मिथिलेश को ' आचार्य स्थाणुदत्त' और सुशील शास्त्री बाणभट्ट पुरस्कार से कल होंगे

हिसार, राजेन्द्र अग्रवालः शहर ए फिरोजा का मान बढ़ाने वाले हिसार के दो संस्कृत साहित्यकारों का गुरुवार को चंडीगढ़ में अलंकरण होगा। टैगोर थियेटर में आयोजित राज्य स्तरीय साहित्य पर्व में मुख्यमंत्री मनोहर लाल शहर के अर्बन इस्टेट निवासी पं. मिथिलेश शर्मा को  'आचार्य स्थाणुदत्त सम्मान' और न्यू मॉडल टाउन निवासी सुशील शास्त्री को महाकवि बाणभट्ट पुरस्कार से सम्मानित करेंगे। दोनों साहित्यकारों को संस्कृत साहित्य में उनकी सेवाओं के लिए हरियाणा संस्कृत अकादमी द्वारा इन पुरस्कारों के लिए चयनित किया हुआ है।
बाणभट्ट पुरस्कार से भी सम्मानित हो चुके हैं मिथिलेश पंडित मिथिलेश शास्त्री सेवानिवृत्त संस्कृत प्राध्यापक हैं। 2008 में हरियाणा संस्कृत अकादमी द्वारा विद्यालयीय संस्कृत सेवा सम्मान और हरियाणा सरकार द्वारा राज्य शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित हो चुके हैं। 2012 में हरियाणा संस्कृत अकादमी ने इन्हें गद्य विधा में पुस्तक पुरस्कार से भी सम्मानित किया था। 2014 में महाकवि बाणभट्ट सम्मान भी उन्हें मिल चुका है। वर्ष 2018 के लिए उन्हें आचार्य स्थाणुदत्त सम्मान के लिए चुना गया है।
सुशील शास्त्री पुस्तक पुरस्कार से भी हो चुके हैं सम्मानित।
सुशील शास्त्री का लेखन में 20 वर्ष का अनुभव है। गद्य और पद्य दोनों विद्याओं में लेखन करते है। व्यंग्य और सामयिक लेखन में विशेष रुचि है। संस्कृत में तीन तथा हिंदी में एक पुस्तक प्रकाशित हो चुकी हैं, दो अभी प्रकाशनाधीन है। पुस्तकों का सम्पादन कर चुके हैं। विभिन्न समाचार पत्रों और पत्रिकाओं में उनके लेख प्रकाशित होते रहते हैं। वर्तमान में स्वंतत्र लेखन और शिक्षण कार्य में जुटे हुए हैं। वर्ष 2018 के लिए हरियाणा संस्कृत अकादमी से उन्हें पुस्तक पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है।