संत रविदास पूरी मानवता के पथ-प्रदर्शक थे, उनकी शिक्षाएं आज भी प्रासंगिक हैं : सुभाष चंद्रा

 हिसार, राजेन्द्र अग्रवालः राज्यसभा सांसद सुभाष चंद्रा ने कहा कि संत शिरोमणि गुरु रविदास किसी जाति या संप्रदाय के गुरु नहीं थे, बल्कि वे पूरी मानवता के पथ-प्रदर्शक थे। उनकी वाणी और शिक्षाएं आज भी प्रासंगिक हैं।
वे शनिवार को गांव भैरी अकबरपुर में रामदेव मंदिर परिसर स्थल पर संत रविदास के जन्मोत्सव के उपलक्ष्य में आयोजित कार्यक्रम को बतौर मुख्यातिथि संबोधित कर रहे थे। हमारा देश में समय-समय पर संत महात्माओं, ऋषि मुनियों, पीर-पैगंबरों और गुरुओं ने भूली-भटकी मानवता को जीवन का सही रास्ता दिखाया है। ऐसे महापुरुषों में संत शिरोमणि गुरु रविदास का नाम बड़े आदर के साथ लिया जाता है। संत रविदास जात-पात के घोर विरोधी थे। उनका मानना था कि मनुष्य जन्म से छोटा-बड़ा नहीं होता, बल्कि अपने कर्मों से छोटा या बड़ा होता है।
सांसद ने कहा कि संत रविदास ने मानवता के कल्याण के लिए जो कार्य किए, उन्हे सदैव याद रखा जाएगा। राज्य सरकार ने महर्षि वाल्मीकी, संत कबीरदास, डॉ भीमराव अंबेडकर तथा गुरू रविदास जैसे महापुरूषों की जयंतियों को मनाने का निर्णय लेकर संत महात्माओं को सच्ची श्रद्घांजलि देने का काम किया है।
उन्होंने कहा कि किसी भी क्षेत्र की प्रगति और विकास शिक्षा पर निर्भर करता है, इसलिए शिक्षा का प्रचार-प्रसार करना बहुत जरूरी है। विद्यार्थियों को शिक्षा के साथ-साथ खेलों में भी बढ़-चढक़र भाग लेना चाहिए। उन्होंने कार्यक्रम में उल्लेखनीय कार्य करने वाली विभिन्न संस्थाओं के प्रतिनिधियों एवं खिलाडिय़ों को भी सम्मानित किया। बी आर अंबेडकर सभा उकलाना के प्रधान एवं कार्यक्रम के अध्यक्ष सतबीर भेरिया ने सांसद का स्वागत करते हुए अपने विचार व्यक्त किए।
इस अवसर पर बरवाला के एसडीएम राजेंद्र कुमार, एसएचओ सुनील शर्मा, विनोद कुमार,  राजेंद्र नागर, सतबीर भेरिया, दीपक शर्मा, महेंद्र शीला, सरजीत छिरंग, पृथ्वी सिंह, रामजीलाल ढाका, रामकुमार रानोलिया, देवीलाल शर्मा, राजबीर बावरिया, सतपाल शर्मा, संदीप धमीजा, सहित अनेक विभिन्न संस्थाओं के प्रतिनिधि एवं गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।