जयपुर, कैलाश नाथ: यह सब झूठ का पुलिंदा और प्रचार प्रसार है।
राम का शासन काल आज से 17लाख वर्ष पूर्व का है।
नासा खुद हमारे वेद पुराणों से ज्ञान ले रहा है। यह हमारा मार्गदर्शन और हमारा इतिहास क्या सटीक ढंग से ढूंढ पायेंगे?? अपना वर्चस्व स्थापित करने के लिए अंग्रेजों की हि कूटनीति रही है कि इनको इनके हि इतिहास में इतना भ्रमित कर दो की यह अपने असली इतिहास तक पहुंच हि ना पायें।
इसलिए हि इन्होने हिन्दू को हि सबसे पहलें खंडित करने की कूटनीति चली और वह अपने मकसद में कामयाब भी हुए जिसका खमियाजा हमे बर्मा बंगाल अफगानिस्तान और पाकिस्तान के रूप में देखना पड रहा है ।
और हिन्दू धर्म के लोग धीरे-धीरे समुन्दर रूप से सिकुड़ते हुए अब एक तालाब के रूप में रह गयें है।
और इन तलाबो के उपर भी पूरी गिद्ध नजर गडा कर बैठे हुए हैं कि कब इनको कुएं के रूप में स्थापित करने मे कामयाब हो जिस दिन आप/हिंदू कुएं का रूप धारण कर लोगों तो जग जाहिर है कि कुआं किस प्रयोग में लाया जाता है आप हिन्दू ओ को अच्छी तरह से मालूम होना चाहिए।
यानी कि कुआं सिर्फ और सिर्फ शोषण करने के लिए हि रह जाता है।
कुआँ सिर्फ और सिर्फ देन के लिए हि रह जाता है।
कुआँ सिर्फ और सिर्फ दुसरे का भला या पालन पोषण करने योग्य हि रह जाता है।
हिन्दूओ अभी भी वक्त है सम्भल जाओ नहीं तो इस धरा पर तुम्हारे इस कुएं रूपी असीसत्व पर ढंकन लगने मे देर नहीं लगेगी।
जागो सूर्यवंशी भारशिव क्षत्रियों जागो
राष्ट्रीय भारशिव क्षत्रिय महासंघ