जयपुर, कैलाश नाथ:
आदरणीय साथियों
सबसे ज्यादा सवभिमान अगर गिरा है भारशिव/राजभर क्षत्रिय समाज का तो नेता जी के उट पटांग भाषणों से हुआ है।
हमारी नेता जी से अपील है अगर सचमुच में राजनीतिक सत्ता में अपने दम खम से काबिज होना है।
तो अपनी जुबान पर लगाम लगाये।
नहीं तो पूरी देश की जनता ने और टीवी चैनलों और राजनीतिक पार्टियों ने आप को नोटंकी बाज साबित कर दिया है।
और इतिहास गवाह है नोटकी बाज मे जोकर की भूमिका सिर्फ और सिर्फ भीड़ जुटाना मात्र रह जाती हैं।
आदरणीय नेता जी आप भारशिव वशंजो को कृपया अपमानित करने का काम मत करें।
आप समाज के अग्रदूत बन समाज को अपने कृत्यों से खाई में धकेलने का हि प्रयास दिन रात कर रहे हैं।
समाज के उत्थान में आप रोडा बन चुके हैं।
समाज ने सोचा था कि समाज का मसीहा मिल गया है जो सत्ता पर काबिज हो समाज का उत्थान और विकास करेगा पर नेता जी आप आस्तीन के सांप निकले।
आप समाज के सौदागर निकले
भारशिव/राजभर समाज ऐसे नेता को उसके कृतयो के लिए उसके अंजाम तक पहुँचाने के लिए कमर कस चुका है
युवाओं ने आप से मुंह मोड़ लिया है और समाज आप से दुखी और क्षुब्ध है। आप की करतूतों की वजह से उस अंजाम को भुगतने के लिए तैयार रहें।
नहीं तो अभी भी वक्त है सम्भल जाओ और अपने भाषणों में गम्भीरता और महाराजा सुहेल देव जी के सनातनी आदर्शो का अपने सम्बोधनो या भाषणों में गुणगान करें।
आप अपने आप को भारशिवो के उन महान पुरूखो के आदर्शो के साथ जोडिये जिन्होने पुरे विश्व में राज किया और और पूरे विश्व को सभ्य जीवन जीने का सलीका दिया।
आप क्यो नही कहतें हम उन सूर्य वंशी वैदिक भारशिवो के वंसज है जिन के कुल मे महहाजा विवस्वान हुए।
आप यह क्यो नही कहतें हम उन वैदिक सूर्यवशं भारशिवो के वशंज हैं जिन के कुल मे महाराजा मनु हुए।
आप यह क्यो नही कहतें हम उन वैदिक सूर्यवशं भारशिवो के वशंज जिनके कुल मे महाराजा इक्ष्वाकु हुए ।
आप क्यो नही कहतें हम उन वैदिक सूर्यवशं भारशिवो के वशंज हैं जिनके कुल मे महाराजा हरीशचंद्र जैसे दानी हुए
आप क्यो नही कहतें हम उन वैदिक सूर्यवशं भारशिवो के वशंज हैं जिनके कुल भगवान राम और कृष्ण हुए।
आप क्यो नही कहतें अपने मंचो से हम उन वैदिक सूर्यवशं भारशिवो के वशंज जिनके कुल मे भगवान हनुमान हुए।
आप क्यो नही कहतें हम उनके वंशज हैं जिसने अताताई सलार मोसूद गाजी धर्म विरोधी को उस के घृणित कृतयो के लिए मोत के घाट उतार दियें।
आप क्यो नही कहतें हम उन वैदिक सूर्यवशं भारशिवो के वशंजो जिन्होने अयोध्या मन्दिर तोडने वाले सलार मोसूद गाजी को उस के घृणित कृतयो की सजा दियें।
आप क्यो नही कहतें हम उन वैदिक सूर्यवशं भारशिवो के वंशजहैं जिन्होने सोमनाथ लुटेरे सलार मोसूद गाजी को मोत के घाट उतारा।
आप क्यो नही कहतें हम उन वैदिक भारशिवो के वंशज हैं जिन्होने सनातन धर्म संस्करीति और देश रक्षा मे हिन्दूस्तान की चारों दिशाओं में मठ,मंदिर, और पीठों की स्थापना कर अपने देश धर्म और संस्कृति की रक्षा के ध्वजा वाहक बनें।
आप क्यो नही कहतें हम उन वैदिक सूर्यवशं भारशिवो के वशंज हैं जिन्होने पूरे हिन्दुस्तान में सभी दिशाओं में 12 ज्योतिर्लिंगों की स्थापना की। आप क्यो नही कहतें अपने मंचो से हम उन वैदिक सूर्यवशं भारशिवो के वशंज हैं जिन्होने पूरे हिन्दुस्तान में 51आदि शक्ति पीठो की स्थापना की।
आदरणीय नेता जी आप यह क्यो नही कहतें हम उन वैदिक सूर्यवशं भारशिवो के वशंज हैं जिन्होने पूरे विश्व को ज्ञान, विज्ञान, गणित, काम शास्त्र, खगोलशास्त्र, ज्योतिष शास्त्र, और चिकित्सा शास्त्र का ज्ञान दिया।
आदरणीय नेता जी अपनी बुद्धि का शोधन अपने परिवार और पार्टी के तमाम उन पदाधिकारियों करिये जिन की बदौलत आप सिर्फ और सिर्फ उत्तर प्रदेश तो क्या सिर्फ और सिर्फ चार पांच सीटो की लडाई लड रहें हैं।
राष्ट्रीय भारशिव क्षत्रिय महासंघ
आप को चलैज के साथ कह रहा है।
आदरणीय ओमप्रकाश राजभर जी नेता जी जिस दिन से आप राजनीति में झूठ को छोड़ ** सूर्य वंशी भारशिवा/राजपुताना के इतिहास और अपने देश धर्म और संस्कृति बारे मे अपने मंचो से सच बोलना शुरू करंगे।
राष्ट्रीय भारशिव क्षत्रिय महासंघ दावे के साथ कहता है कि आप उत्तर प्रदेश हि नहीं पूरे विश्व के गणमान्य व्यक्ति और नेता होंगे।
धन्यवाद आदरणीय दोस्तों
अगर कुछ गलत हो तो माफ करना।
राष्ट्रीय भारशिव क्षत्रिय महासंघ, राष्ट्रीय अध्यक्ष कैलाश नाथ राय भरत वंशी राष्ट्रीय महासचिव, अमरीश राय सूर्यवंशी,
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