हरियाणा सरकार बंद करे पिछड़ा वर्ग का शोषण - महासभा

 हिसार, राजेन्द्र अग्रवालः  हिसार की विश्वकर्मा धर्मशाला में पिछड़ा वर्ग कल्याण महासभा हरियाणा के प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक आयोजन किया किया जिसमें प्रदेश भर के पदाधिकारियों व कार्यकारिणी से सदस्यों ने भाग लिया। कायक्रम की अध्यक्षता महासभा के सरंक्षक शांता कुमार आर्य रोहतक ने की जबकि मुख्य के तौर प्रोफेसर राम चंद्र लिंबा व महासचिव भारतीय इद्र सिंह जाजनवाल  संयुक्त  रुप से मुख्य वक्त थे जाजनवाला थे। मंच संचालक राजबीर सोनी भूना ने किया।
पिछडा वर्ग  कल्याण महासभा के महासचिव भारतीय इंद्र सिंह जाजनवाला ने  कहा कि       प्रदेश में पिछड़ा वर्ग के आरक्षण हेतु क्रीमीलेयर मानदंड को लेकर सरकार बार बार असंवैधानिक अधिसूचना जारी कर पिछड़ा वर्ग के अधिकारों पर डाका डालने का काम कर रही है जिसके कारण प्रदेश के पिछड़ा वर्ग में आक्रोश बढ़ता जा रहा है जो आने वाले समय में एक आंदोलन का रूप ले सकता है जिसका खामियाजा सरकार को भुगतना पड़ सकता है । वक्ताओ ने कहा कि यदि सरकार इसी तरह पिछड़ा वर्ग विरोधी रवैया अपनाती रही तो महासभा कानूनी लड़ाई के साथ साथ प्रदेश के सभी हलकों में सरकार के खिलाफ  जागरण अभियान चलाएगी । इस मौके पर पिछड़ा वर्ग कल्याण महासभा हरियाणा के प्रदेशाध्यक्ष प्रो आर सी लिंबा ने हिसार की विश्वकर्मा धर्मशाला में आयोजित प्रदेश स्तरीय बैठक में बोलते हुए बताया कि केंद्र सहित सभी राज्यों की नौकरियों एवम् दाखिलों में पिछड़ा वर्ग के आरक्षण हेतु सुप्रीम कोर्ट के 1992 के इंद्रा साहनी बनाम भारत सरकार के फैसले के अनुरूप केंद्र सरकार के कार्मिक मंत्रालय की 1993 की अधिसूचना द्वारा निर्धारित क्रीमीलेयर मानदंड लागू हैं जिसके अनुसार संवैधानिक पदों पर आसीन व्यक्ति ए सीधी भर्ती द्वारा  नियुक्त  क्लास वन अधिकारीए सीधी भर्ती द्वारा नियुक्त पति पत्नी दोनो क्लास 2 अधिकारी ए पति पत्नी में से कोई एक सीधी भर्ती में नियुक्त क्लास 2 अधिकारी जो 40 साल से कम उम्र में क्लास वन अधिकारी प्रोन्नत हुआ होए क्रीमीलेयर श्रेणी में आता है जबकि अन्य सभी कर्मचारी अधिकारी ए किसान ए कुशल श्रमिक एदुकानदार  जिनकी कुल आय  वेतन आय व कृषि आय को छोड़कर 8 लाख रुपए से कम हो वे नॉन क्रीमीलेयर श्रेणी में आते हैं और उनके बच्चों को आरक्षण का लाभ मिलता है । 2016 तक हरियाणा में भी यही मानदंड लागू रहा है लेकिन प्रदेश की भाजपा सरकार ने पिछड़ा वर्ग के आरक्षण को खत्म करने की नियत से 2016 और फि र 2018 की अधिसूचना द्वारा क्रीमीलेयर मानदंड का आधार केवल आर्थिक कर दिया । सरक्षक शांत कुमार पिछडा वर्ग कल्याण के महासभा सरक्षक रोहतक शांता कुमार सभी स्रोतों से प्राप्त कुल आय की सीमा 6 लाख कर दी और इसमें सैलरी आय ए किसानों की कृषि आय व कुशल श्रमिकों की आय को भी शामिल कर लिया जिससे चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी तक के बच्चे भी आरक्षण के दायरे से बाहर हो गए । हालांकि 2016 तथा 2018 की अधिसूचना को महासभा की जनहित याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने 24 अगस्त 2021 को उअसंवैधानिक करार देते हुए रद्द कर दिया था और सुप्रीम कोर्ट के 1992 के इंद्रा साहनी फैसले के अनुसार नई अधिसूचना जारी करने का आदेश दिया लेकिन सरकार ने फिर से सुप्रीम कोर्ट की अवमानना करते हुए 17 नवंबर 2021 को केवल आर्थिक आधार पर अधिसूचना जारी कर पिछड़ा वर्ग पर कुठाराघात कर दिया । प्रदेशाध्यक्ष प्रो लिंबा ने बताया कि 1992 के सुप्रीम कोर्ट के 9 जजों की संवैधानिक बेंच  ने इंद्रा साहनी बनाम भारत सरकार के फैसले में स्पष्ट किया है कि आरक्षण का आधार सामाजिक और शैक्षणिक पिछड़ापन है न कि केवल आर्थिक पिछड़ापन । यही बात म्ॅै व ओबीसी आरक्षण मामले में सचिव भारत सरकार द्वारा 1 जनवरी 2022 को सुप्रीम कोर्ट में दिए एफिडेविट में भी स्पष्ट की गई है । हालांकि 17 नवंबर 2021 की अधिसूचना को महासभा और कुछ मेडिकल छात्रों की ओर से उच्च न्यायालय में चुनौती दे रखी है । लेकिनहरियाणा के मुखमंत्री के लिए शायद सुप्रीम कोर्ट हाई कोर्ट ए एनसीबीसी ए भारत सरकार कोई मायने नहीं रखते तभी तो वह अधिकारियो पर दबाव बना कर बार बार असंवैधानिक और गैरकानूनी ऑर्डर जारी करवा पिछड़ा वर्ग विरोधी रुख अपनाए हुए है । प्रदेशाध्यक्ष ने भाजपा व संघ के केंद्रीय संगठन से अपील की है कि इस मामले पर संज्ञान लेकर पिछड़ा वर्ग पर होने वाले अत्याचार और अन्याय को बंद करवाए और यूजी मेडिकल की दाखिला प्रक्रिया को देखते हुए तुरंत सुप्रीम कोर्ट के फैसलों की पालना करते हुए केंद्र की  तर्ज पर 1995 की अधिसूचना फिर से लागू करे ।   महासभा के महासचिव भारतीय इंद्र सिंह जाजनवाला ने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि सरकार इसी तरह पिछड़ा वर्ग विरोधी रवैया अपनाती रही तो महासभा कानूनी लड़ाई के साथ साथ प्रदेश के  सभी हलकों में सरकार के खिलाफ  नजागरण अभियान चलाएगी ।  बैठक को संरक्षक शांता कुमार आर्य , सह संरक्षक जोगी अनूप नाथ, हसला के पूर्व प्रांतीय अध्यक्ष अनिल यादव ए हनुमान वर्मा ने भी संबोधित किया । इस अवसर पर रेवाड़ी से अस्सी गामा के प्रधान एवम् नगर पार्षद धर्मपाल प्रजापति   आर डी जांगड़ा , सतवीर नहडिया  भिवानी से राष्ट्रीय कुम्हार महासभा के प्रदेश अध्यक्ष गणेशी लाल  एससीबीसी संघर्ष समिति कैथल से धर्मवीर प्रजापति  सुनील सिंगरोहा महासभा के वरिष्ठ उपाध्यक्ष राजबीर सोनी  उपाध्यक्ष देवेंद्र जांगड़ा  डा के सी कंबोज  रोशन लाल जांगड़ा जींद से चांद सरपंच  कलम सिंह  प्रधान सूरजभान  रोहतक से सुनील जांगड़ा  विनोद जांगड़ा  गोहाना से सुभाष भाटी  डा सुनील  अंबाला से समाजसेवी मक्खन सिंह लबाना  आरटीआई कार्यकर्ता प्रो मलखान सिंह गुज्जर  अनिल कुमार यादव महेंद्रगढ़ आदि विभिन्न सामाजिक संगठनों के पदाधिकारी और कार्यकर्ता मौजूद रहे ।