हिसार, राजेन्द्र अग्रवालः आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता एवं पूर्व जिला पार्षद प्रतिनिधि मनोज राठी ने कहा है कि इस बार हुई बेमौसमी बरसात की वजह से चैनत गांव में किसानों की लगभग दो हजार एकड़ से अधिक क्षेत्र में फसलें खराब हो चुकी है। सरकार एवं जिला प्रशासन को इस तरफ तुरंत ध्यान देना चाहिए।
मनोज राठी पार्टी नेताओं व ग्रामीणों के साथ हांसी क्षेत्र के चैनत गांव में बरसात व जलभराव से खराब हुई फसलों का जायजा ले रहे थे। उन्होंने कहा कि पहले कपास की और अब गेहूं व अन्य फसलें खराब होने से किसान बहुत मुसीबत में हैं। अब भी कई दिनों से पानी खेतों में खड़ा है और सरकार एवं जिला प्रशासन ने खेतों से पानी निकालने का कोई प्रबंध नहीं किया है। यही नहीं, किसानों की सुध लेने के लिए कोई अधिकारी भी गांव में नहीं जा रहा है। उन्होंने कहा कि चुनाव के समय वोट लेने के लिए किसानों के पैर पकड़ने के लिए तत्पर रहने वाले नेता चुनाव के बाद किसानों व जनता की तरफ देखना व उनका दुख—दर्द जानना भी उचित नहीं समझते, जो निंदनीय है। लगातार फसल खराब होने के कारण किसानों की आर्थिक हालत खराब होती जा रही है। फसल बिजाई के समय किसानों ने जो कर्जा लिया था, वो वह कर्जा भरने की हालत में भी नहीं है।
मनोज राठी ने कहा कि किसान अपने हर खर्चे के लिए फसल पर ही निर्भर रहता है। ऐसे में फसलें खराब होने से वह कैसे बच्चों की स्कूल की फीस दे पाएगा, कैसे बच्चों की ब्याह—शादियों का खर्चा निकाल पाएगा। इसके अलावा भी किसानों परिवारों में अनेक तरह के खर्चे होते रहते हैं, जो वह चुकाने में असमर्थ होता जा रहा है। उन्होंने कहा कि आज कई क्षेत्रों से किसानों द्वारा आत्महत्या करने के समाचार आते रहते हैं, किसानों की आत्महत्या के पीछे यही कारण है कि बढ़ती लागत, घटती जोत, समय—समय पर फसलें खराब होना, सरकार द्वारा समय पर सहायता न देना आदि अनेक ऐसे कारण है जिससे किसान की आर्थिक हालत खराब होती जा रही है। उन्होंने कहा कि जब से प्रदेश में भाजपा—जजपा की सरकार आई है, तब से हर वर्ग परेशान है और इस सरकार ने किसान वर्ग की तो कमर ही तोड़ दी है। नेता लोग अपनी कोठियों में आराम फरमाते हैं और जनता परेशान होती रहती है, उसकी सुनने वाला कोई नहीं होता। उन्होंने मांग की कि बरसात से खराब हुई फसलों की तुरंत विशेष गिरदावरी करवाकर किसानों को तुरंत 50 हजार रुपये प्रति एकड़ मुआवजा दिया जाए व फसली लोन पर बैंकों का ब्याज माफ करके वसूली स्थगित की जाए।
इस अवसर पर उनके साथ संजू दुहन, राजेन्द्र, बिल्लू, बिजेन्द्र, जयपाल, राजा, पाल, सुनील कुमार, मनदील, प्रदीप, राममेहर, रामकेश, बलजीत, रविन्द्र, अतुल, धर्मबीर व महाबीर सहित अनेक ग्रामीण मौजूद थे।