हिसार, राजेन्द्र अग्रवालः महिलाएं आत्मनिर्भर बनने के लिए छोटे-छोटे समूह बनाकर उद्यम स्थापित करें। इससे महिलाएं आत्मनिर्भर बनने के साथ-साथ अन्य लोगों को भी रोजगार मुहैया करवा सकेंगी। ये विचार चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार के कुलपति की धर्मपत्नी एवं विश्वविद्यालय की प्रथम महिला संतोष कुमारी ने व्यक्त किए। वे एचएयू के सायना नेहवाल कृषि प्रौद्योगिकी प्रशिक्षण एवं शिक्षण संस्थान द्वारा राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (रफ्तार)के तहत फल व सब्जी परीरक्षण विषय पर पांच दिवसीय प्रशिक्षण के समापन अवसर पर बतौर मुख्यातिथि बोल रही थी। प्रशिक्षण का आयोजन अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति की महिलाओं के लिए आयोजित किया गया था। मुख्यातिथि ने कहा कि आज के समय में महिलाएं किसी भी क्षेत्र में पुरूषों से कम नहीं हैं। महिला सशक्तिकरण व महिला कौशल विकास पर जोर देते हुए कहा कि एक महिला के रूप में स्वरोजगार स्थापित करने के लिए परेशानियों का सामना करना पड़ता है लेकिन महिलाओं को हिम्मत नहीं हारनी चाहिए और आगे बढऩा चाहिए। कुलपति प्रोफेसर बी.आर. काम्बोज के दिशा-निर्देश व विस्तार शिक्षा निदेशक डॉ. बलवान सिंह के मार्गदर्शन में इस तरह के प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। संस्थान के सह-निदेशक (प्रशिक्षण) डॉ. अशोक गोदारा ने बताया की प्रशिक्षण हासिल कर बेरोजगार युवक व युवतियां अपना स्वरोजगार स्थापित कर आत्मनिर्भर बन सकते हैं।
उत्पादों के विपणन के दिए टिप्स
प्रशिक्षण के दौरान कार्यक्रम के संयोजक डॉ. निर्मल ने फल व सब्जी की प्रोसेसिंग यूनिट स्थापित कर उनके उत्पाद बनाकर लंबे समय तक भण्डारण की जानकारी दी। साथ ही मूल्य संवर्धन कर उनके विपणन के भी टिप्स दिए। डॉ. सुरेंद्र ने आंवले की कैंडी, मुरब्बा, अचार व हरी मिर्च का अचार को व्यावहारिक रूप से तैयार करके लंबे समय तक सुरक्षित रखने के बारे में जानकारी दी। डॉ. रेखा ने जैम व जेली व सुभाष ने आंवले के लड्डू बनाकर दिखाए और इनके औषधीय गुणों की जानकारी दी। डॉ. सुमन सोढ़ी ने टमाटर का सूप, चटनी व कस्टर्ड तैयार करने के बारे में बताया। डॉ. सतीश महता ने मशरूम के औषधीय गुणों व उसके उत्पाद बनाने की जानकारी दी। डॉ. भूपेन्द्र ने फल व सब्जी कीटनाशक अवशेष प्रबंधन, डॉ. देवेन्द्र ने किचन के पानी के उचित उपयोग की जानकारी दी। विक्रम सिंधु ने बताया कि एग्री बिजनेस इंक्युबेशन सेंटर के माध्यम से जुडक़र अपना व्यवसाय शुरू कर सकते हैं। समापन अवसर पर एसवीसी कपिल अरोड़ा सहित संस्थान के अन्य वैज्ञानिक व प्रतिभागी मौजूद रहे।