बेल्लारी, जोगाराम पटेल: कर्नाटक के स्कूल-कॉलेजों में हिजाब पहनकर आने वाली छात्राओं को क्लास में एंट्री नहीं दी जा रही है। उडुपी के कुंडापुरा में कॉलेज प्रशासन ने हिजाब पहनकर आई छात्राओं को गेट पर ही रोक दिया। मामला अब हाईकोर्ट पहुंच गया है।
कर्नाटक में इन दिनों हिजाब को लेकर बवाल मचा हुआ है। कर्नाटक के कॉलेज में छात्राओं को हिजाब पहनकर आने की अनुमति नहीं मिल रही है। इस साल अब तक कर्नाटक में ऐसी कई घटनाएं सामने आ चुकी हैं।
जनवरी में उडुपी के एक कॉलेज में छात्राओं को हिजाब पहनकर क्लास में जाने से रोक दिया गया था. उसके बाद से कई मामले आ चुके हैं. इस घटना के बाद उडुपी के ही भंडारकर कॉलेज की छात्राओं को भी हिजाब पहनकर आने पर गेट पर ही रोक दिया गया। इसके बाद शिवमोगा जिले के भद्रवती में भी ऐसी घटना सामने आई।
कैसे शुरू हुआ विवाद?
- कर्नाटक में हिजाब विवाद 1 जनवरी 2022 से शुरू हुआ। उस दिन उडुपी के एक सरकारी प्री-यूनिवर्सिटी कॉलेज में 6 मुस्लिम छात्राओं को हिजाब पहनकर क्लास में जाने से रोक दिया गया था।
- इसके बाद रेशम फारूक नाम की छात्रा ने कर्नाटक हाईकोर्ट में ये कहते हुए याचिका दायर की कि हिजाब पहनने की अनुमति न देना संविधान के अनुच्छेद 14 और 25 के तहत उनके मौलिक अधिकारों का हनन है।
इसके बाद 19 जनवरी को कॉलेज प्रशासन ने छात्राओं, उनके माता-पिता और अधिकारियों के साथ एक बैठक की। हालांकि, बैठक बेनतीजा रही।
- इस मुद्दे को सुलझाने के लिए कर्नाटक सरकार ने एक कमेटी का गठन किया है। हालांकि, जब तक कमेटी किसी नतीजे पर नहीं पहुंचती तब तक छात्राओं को कॉलेज के नियमों का पालन करना होगा।
- कक्षाओं के अंदर हिजाब पहनने के मुद्दे पर चर्चा करने के लिए स्कूल ने माता-पिता, छात्राओं और अधिकारियों के साथ 31 जनवरी को एक और बैठक की थी। इसमें प्रशासन ने बता दिया कि जब तक कमेटी का फैसला नहीं आता, तब तक नियम के हिसाब से ही चलना होगा।
- प्रशासन ने माता-पिता को बताया कि छात्राएं परिसर में हिजाब पहनकर आ सकती हैं, लेकिन क्लास के अंदर उन्हें हिजाब उतरना होगा।
विवाद हिजाब बनाम भगवा का बन गया!
- उडुपी के कुंडापुरा के एक सरकारी कॉलेज में छात्राओं को हिजाब पहनकर न आने को कहा गया. छात्राओं ने जब इसका विरोध किया तो कुछ हिंदू लड़के भगवा गमछा डालकर कॉलेज आ गए।
विवाद बढ़ा तो कुंडापुरा के विधायक श्रीनिवास शेट्टी ने कॉलेज के अधिकारियों और छात्रों के साथ बैठक की. हालांकि, इसका भी कोई नतीजा नहीं निकला क्योंकि छात्राओं के माता-पिता ने कहा कि उनके बच्चों को हिजाब पहनकर आने का अधिकार है।
- वहीं, 1 फरवरी को उडुपी के विधायक रघुपति भट ने मीडिया से कहा कि हिजाब पहनकर छात्राओं को कॉलेज नहीं आना चाहिए।
सरकार का क्या है कहना?
- कर्नाटक के गृह मंत्री अरागा ज्ञानेंद्र ने गुरुवार को कहा कि स्कूलों में न तो हिजाब पहनकर आ सकते हैं और नही भगवा गमछा पहनकर, उन्होंने पुलिस को ऐसे धार्मिक संगठनों पर नजर रखने का भी आदेश दिया है जो माहौल बिगाड़ने की कोशिश कर रहे हैं।
- न्यूज एजेंसी के मुताबिक, उन्होंन कहा कि स्कूल ऐसी जगह है जहां सभी धर्मों के छात्रों को साथ में सीखना चाहिए और इस भावना को आत्मसात करना चाहिए कि हम अलग नहीं हैं और सभी भारत माता के बच्चे हैं।
- हिजाब के विरोध में भगवा गमछा डालकर आ रहे हिंदू छात्रों पर उन्होंने कहा कि अगर किसी को अपने धर्म का पालन करना है तो उसे स्कूल नहीं आना चाहिए।