हिसार, राजेन्द्र अग्रवालः हरियाणा के जिन बुजुर्गों को अभी तक सामाजिक पेंशन नहीं मिली है, अगले दो दिन में उनके बैंक खातों में पेंशन ट्रांसफर होगी। पेंशन नहीं मिलने को लेकर प्रदेशभर से आ रही शिकायतों पर संज्ञान लेते हुए सरकार ने स्पष्ट किया है कि किसी भी बुजुर्ग की पेंशन काटी या रोकी नहीं गई है। विपक्षी दलों द्वारा भी इसे मुद्दा बनाया जा रहा है। इस मामले में सफाई देते हुए सरकारी प्रवक्ता ने कहा कि प्रदेश सरकार ‘सबका साथ-सबका विकास’ के मूल मंत्र पर काम कर रही है।
पिछले सात वर्षों में पेंशन राशि जहां दोगुना हुई है वहीं लाभार्थियों की संख्या में भी इजाफा हुआ है। 2015 में बुढ़ापा, विधवा, बेसहारा महिला एवं दिव्यांगों को एक हजार रुपए पेंशन मिलती थी। वर्तमान में 2500 रुपए पेंशन मिल रही है। 2015 में पेंशन लाभर्थियों की संख्या 15 लाख 55 हजार 440 थी। अब यह बढ़कर 28 लाख 57 हजार 529 पहुंच गई है। प्रवक्ता ने साफ कहा कि सरकार बुढ़ापा पेंशन समय पर दे रही है और पेंशन को खत्म नहीं किया जाएगा।
हरियाणा में बुजुर्गों को दी जा रही पेंशन पड़ोसी राज्यों से कहीं अधिक है। कांग्रेस शासित पंजाब में बुजुर्गों को महज 1500 रुपये पेंशन मिलती है वहीं राजस्थान में यह पेंशन 750 से 1000 रुपए तक है। 2013-14 में राज्य में 1000 रुपए पेंशन मिलती थी, इसे 2014-15 में बढ़ाकर 1200 तथा 2015-16 में 1400 रुपए किया। इसी तरह से 2016-17 में 1600, 2017-18 में 1800, 2018-19 में 2000, 2019-20 में 2250 तथा 2020-21 में बढ़ाकर 2500 रुपए किया गया।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर का कहना है कि अब प्रदेश में साठ वर्ष की आयु पूरी होने पर वृद्धावस्था पेंशन खुद-ब-खुद लग जाएगी। जिन लोगों के पास जन्मतिथि का कोई साक्ष्य नहीं है, उनकी जन्मतिथि को सत्यापित किया जाएगा। इसके लिए अपनाई जाने वाली प्रणाली पर सरकार जल्द विचार करेगी।