पन्ना, मध्यप्रदेश, देशमुख शुक्ला: पन्ना जिले में वाहनों की तेज रफ्तार बेजुबान वन्यजीवों की मौत का सबब बन रही है। यहां आए दिन होने वाले सड़क हादसों में वन्यजीव लगातार असमय काल के गाल में समा रहे है। लगभग 4 माह पूर्व अज्ञात वाहन की ठोकर से युवा बाघिन की दर्दनाक मौत हो गई थी। जिसे लोग अभी भूले भी नहीं थे कि इस बीच एक अन्य सड़क हादसे में नर तेंदुए की मौत होने का मामला सामने आया है। मामला पन्ना टाइगर रिजर्व से होकर गुजरने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक-39 में पन्ना.छतरपुर मार्ग का है। हालांकि आरोपी वाहन चालकों का सुराग लगाने में और उन्हें गिरफ्तार करने में पन्ना टाइगर रिजर्व नाकाम साबित हो रहा है जिसके चलते अब पन्ना टाइगर रिजर्व प्रबंधन पर लापरवाही के आरोप लग रहे हैं और वन्यजीवों की लगातार मौतों से लोग चिंतित है पन्ना जिले का टाइगर रिजर्व हमेशा ही सुर्खियों में बना रहता है हालांकि यहां पर बाघों की संख्या निरंतर बढ़ रही है लेकिन जिस तरह से बाघों की संख्या में इजाफा हो रहा है उसी तरह दुर्घटनाओं में वन्यजीवों की मौतों का सिलसिला भी बढ़ रहा है। बतादें कि पन्ना जिले में सड़क हादसों में वन्यजीवों की मौत के सर्वाधिक मामले पन्ना.छतरपुर, पन्ना. अमानगंज एवं पन्ना अजयगढ़ मार्ग पर सामने आते हैं। क्योंकि इन मार्गों में दोनों तरफ दूर तक घना जंगल स्थित है और इन पर भारी वाहनों का ट्राफिक भी अधिक रहता है पूर्व में बाघिन की मौत भी पन्ना-अमानगंज मार्ग पर अकोला के समीप स्थित नाला की पुलिया पर हुई थी पूर्व में युवा बाघिन की सड़क हादसे में हुई थी दर्दनाक मौत, अभी तक नही लगा सुराग। फिर हुई दुर्घटना में एक तेंदुए की दर्दनाक मौत सड़क घटनाओं में वन्य प्राणियों की मौत की चिंताजनक रूप से बढ़ती घटनाओं के मद्देनजर अब वाइल्डलाइफ एक्सपर्ट के द्वारा पार्क प्रबंधन पर लापरवाही के आरोप लगाए हैं और इनकी रोकथाम हेतु आवश्यक उपाय करने तथा गंभीरता पूर्वक इस पर ओर ध्यान देने की बात भी कही है। सड़क पर तेंदुए की मौत होने के बाद उसके शव को पार्क के गश्ती दल ने देखा था। फील्ड डायरेक्टर का ये भी कहना है कि टाईगर रिजर्व के कोर और वफर क्षेत्र से जो सड़के होकर गुजरती है उन पर इस तरह का खतरा बना रहता है। बतादे की वर्ष 2009 के पन्ना टाइगर रिजर्व बाघ विहीन हो गया था अगर प्रबंधन के द्वारा इसी तरह लापरवाही बरती जाती है तो कही फिर पहले की तरह स्थिति न पैदा हो जाये।