राष्ट्र रक्षक सूर्यवंशी भारशिवा क्षत्रिय सम्राट महाराजा सुहेल देव जी का जन्म उत्सव हार्षोउल्लास के साथ *जयपुर राजस्थान* में मानाया गया

राजस्‍थान,जयपुर, कैलाश : सनातन धर्म रक्षक राष्ट्र वीर महान योद्धा श्रावस्ती सूर्यवंशी भारशिव क्षत्रिय सम्राट महाराजा सुहेल देव जी का जन्म उत्सव हार्षोउल्लास के साथ जयपुर में अपने पारिवारिक मित्रों के साथ मनाया गया। 
इस कार्यकर्म मे  महाराजा राष्ट्रीय भारशिव क्षत्रिय महासंघ के अध्यक्ष कैलाश नाथ राय भरत वंशी जी ने चक्रवर्ती सम्राट सुहेल देव  जी के शोर्य का गुणगान करते हुए कहा कि कैसे विदेशी लुटेरा सलार मोसूद गाजी अत्याचारी सोमनाथ मन्दिर लूटने वाला और राम मन्दिर को तोड़ने वाले आताताईयो को अपने सूझ बूझ से उस समय बिखरे राजपूतों को एक जुट कर 21राजाओ को अपने साथ जोड़ सलार मोसूद गाजी के कुटिल मनसूबो पर पानी फेर  सलार मोसूद गाजी की तीन लाख सेना को उसके सहीत  गाजर मूली की तरह काट दिया था।
दोस्तों  मुस्लिम इतिहासकारों के कहने के अनुसार उस युद्ध को दुसरे महाभारत की संज्ञा दी गई थी और उनके लिखे  इतिहासिक लेखो के मुताबिक गजनी _(ईरान)  का कोई ऐसा घर नहीं बचा था जिसमे मातम ना मना हो। इतिहासकारों के मुताबिक वह युद्ध इतना भयावह या भयानक था कि उसमें सलार मोसूद गाजी के दो पूरी तीन लाख सेना में से सिर्फ और सिर्फ दो ही सैनिक ईरान में संदेश देने के लिए बचें थे और उस युद्ध का भारत के लिए इतना सुखद परिणाम लेकर आया कि पूरे दो सो सालों तक किसी भी विदेशी आक्रांता की भारत की तरफ आंख उठाकर देखने की हिम्मत नहीं हुई हमला करने की दूर की बात रही।
और भाषण के अंतिम लाईनों में आदरणीय अध्यक्ष जी ने सभी राजपुताना और क्षत्रियों को अपने मंच से संदेश दीया कीया हम सभी राजपुताना आज बिखेर हुए हैं जब तक हम एक मंच पर नहीं आयेंगे हम अपने सनातन धर्म और देश के शासनंतत्र को मजबूत  नहीं कर पायेंगे।
हम आज भी गुलामी का जीवन जी रहें है अंग्रेज तो चले गए पर वह अपनी कुटिल चाल चल हमारे  शासनतत्र को अभी भी अपने वह बाहर अपने देश में बैठ हम पर राज कर रहे हैं।
सारी वयवस्था उनके बनाये विचारों पर हि चल रही है। चाहे वह हमारी शासन व्यवस्था हो शिक्षा नीति हो या रक्षा नीति हो हर जगह उनहोंने ने हि अपने विदेशी एजेंसियों के जरीये कब्जा किया हुआ है। 
दोस्तों जातें जातें मै आप राजपूतों को अंग्रेजों की एक और कुटिल चाल से अवगत करवा दूँ वह यह है अंग्रेजों ने हिन्दुस्तान की जनता के अंदर यह भय भर रखा है कि **राजतंत्र **खराब  प्रणाली है  ***देश मे लोकतंत्रीय प्रणाली होनी चाहिए। 
पर दोस्तों मै आप सभी साथियों से पूछना चाहता हूँ की अगर अंग्रेजों के कहने के अनुसार लोकतांत्रिक प्रणाली सही है। 
तो अंग्रेजी सरकार अभी तक महारानी एलिजाबेथ को क्यो ढो रही है  ???
मेरे राजपुताना साथियों जरा मेंरे इस वक्तव्य पर जरूर मंथन करें। 
धन्यवाद आदरणीय साथियों  
जय हिंद जय भारत  
मुख्य अतिथि _ श्री मति नीतू सिंह राठौड़,  श्री मति बरखा शेखावत,  श्री मति पूजा शेखावत
आयोजन कर्ता _कैलाश नाथ राय भरत वंशी, कलावती राय, अवधेश राय, पूजा राय, अरविंद राय, अंजू राय, कुलदिप राय, सुशील राय, कोमल राय,,कृतिका राय, युवराज देव साहब जी, संजय सिंह सूर्यवंशी, अविनाश राय, आयसु राय अरूण राय खुशबू राय, अखंड प्रताप सिंह राजपूत, नीतू सिंह राजपूत
समपर्क सूत्र _9109119999
राष्ट्रीय भारशिव क्षत्रिय महासंघ