सरकार को टकराव कराने की बजाए उद्योगपतियों से बातचीत करके समस्या का समाधान करना चाहिए- बजरंग गर्ग

हिसार, राजेन्द्र अग्रवालः   हरियाणा प्रदेश व्यापार मंडल के प्रांतीय अध्यक्ष व अखिल भारतीय व्यापार मंडल के राष्ट्रीय मुख्य महासचिव बजरंग गर्ग ने प्रदेश के व्यापारी व उद्योगपतियों से बातचीत करने के उपरांत कहा कि सरकार को उद्योगपतियों से टकराव करने की बजाए उद्योगपतियों से बातचीत करके बेरोजगार युवाओं को रोजगार देने की समस्या का समाधान करें। हर समस्या का समाधान बातचीत के जरिए निकलता है मगर सरकार तानाशाही रवैया अपनाकर प्रदेश में व्यापार व उद्योगों को ठप्प करने में लगी हुई है, जो हरियाणा के हित में नहीं है। प्रदेश का हर व्यापारी व उद्योगपति बेरोजगारों को रोजगार देने के हक में है और दे भी रही है। जबकि युवा हमारा देश व प्रदेश का भविष्य है मगर सरकार का तानाशाही रवैया व गलत नीतियों के कारण पहले ही गांव स्तर पर जो छोटे-छोटे उद्योग लगे हुए थे वह हरियाणा में लगभग 80 प्रतिशत बंद हो चुके हैं। हरियाणा में लगभग 90 प्रतिशत ग्वार मिलें, 70 प्रतिशत दाल मिलें बंद हो चुकी है और आज प्रदेश की राईस मिलें व कपास मिलों की हालत भी अच्छी नहीं है। श्री गर्ग ने कहा कि प्रदेश में लगातार व्यापार व उद्योग ठप्प होने से लाखों लोग बेरोजगार हो चुके हैं। प्रदेश में जो उद्योग ठप्प हुए हैं सरकार को सबसे पहले उनको चालू करवाना चाहिए और हरियाणा में नए-नए उद्योग स्थापित हो उसके लिए सरकार को ज्यादा से ज्यादा व्यापारी व उद्योगपति को सुविधा व रियायतें देनी चाहिए और उद्योगों के लिए विशेष पैकेज की घोषणा करनी चाहिए ताकि प्रदेश में ज्यादा से ज्यादा उद्योग स्थापित हो सके। प्राइवेट कंपनियां व उद्योगों के माध्यम से बेरोजगार युवाओं को ज्यादा से ज्यादा रोजगार मिल सके। आज देश में सबसे ज्यादा बेरोजगारी हरियाणा प्रदेश में है। उच्च शिक्षा प्राप्त युवा आज पीएन तक की नौकरियों के लिए धक्के खा रहे हैं जबकि लगभग सभी सरकारी विभागों में 50-60 प्रतिशत सरकारी नौकरियों के लिए पद खाली पड़े है। सरकार को तुरंत प्रभाव से खाली सरकारी पदों की भर्ती करनी चाहिए और सरकार को जुमलेबाजी छोड़कर युवाओं को रोजगार देने के लिए जमीनी स्तर पर काम करना चाहिए। जबकि इस सरकार में तो भर्ती के नाम पर भारी भरकम लूट मची हुई है बिना सेवा शुल्क दिए सरकारी नौकरी नहीं मिलती। यहां तक कि नौकरियों के पेपर बिक रहे हैं जो पढ़े लिखे युवाओं की भावनाओं के साथ खिलवाड़ है। सरकार को युवाओं को रोजगार देने के लिए उचित कदम उठाने चाहिए।