पाली, राजस्थान, जगदीश सिरवीः
आखिर कब तक...?
किसी ने नारी पर होने वाले अत्याचार,बलात्कार व हत्या जैसी जघन्य घटनाओं पर लिखा है कि-
"वो दर्द को अपने बार-बार सुनाती है,
दर्द को सुन आँखे शर्म से यकीनन झुक जाती है।
पर जुबां से आवाज आज भी किसी की नही निकल पाती है,
यही वजह है..
कि बार-बार माँ-बहन-बेटी की इज्जत,
सरे आम-हर -रोज कही न कही लूट जाती है।
पाली जिला जो आत्मिक स्नेह और अपणायत के नाम से जाना जाता है। जहां लोगो में गजब का भाईचारा व अपनापन है। जहाँ नारी शिक्षा उन्नयन और सम्मान के लिए आये दिन भामाशाह विराट सोच और विशाल सहृदयता से योगदान करते है और बालिकाओ के लिए बड़े भोज की व्यवस्था करते है।।उस आत्मिक अपणायत भरे अपने प्यारे जिले पाली के ग्राम पिचावा में एक मासूम बच्ची के साथ जो दुष्कृत्य कर हत्या जैसा जघन्य अपराध हुआ है उससे हर पाली निवासी शर्मसार हुआ है।जिले के लोगो की माधुर्य अपणायत की भावना पर एक काला धब्बा लगा है।
सम्पूर्ण पाली जिले में इस घटना के प्रति भयंकर आक्रोश है।जिले का हर जन चाहता है कि इस जघन्य अपराध करने वाले दरिंदे को फाँसी दी जाय और जिले की मासूम बिटिया को न्याय दिया जाय। ऐसा होगा तभी अपराधियो में खौफ होगा और ऐसे दरिंदे दुष्कृत्य करने से पहले हजार बार सोचेंगे। जिले का हर युवा,बुजुर्ग ,माताएं व बहिनें सब इस घटना से बहुत व्यथित,द्रवित और आक्रोशित है।वे सभी 4 फरवरी को एक विशाल जुलुस के माध्यम से अपना विरोध प्रदर्शन करते हुए जिलाधीश महोदय जी को एक ज्ञापन देगी और निवेदन करेगी कि प्रदेश सरकार को इस घटना से अवगत कराएं और इस जघन्य अपराध को फ़ास्ट ट्रेक कोर्ट में देकर उस मासूम बिटिया को इंसाफ दिलाये।
मासूम बालिकाओ पर इस तरह के अपराध सभ्य समाज के लिए कलंक है।ऐसी घटनाएं आखिर कब तक होती रहेगी?
उक्त पंक्तियां आज श्रेष्ठ स्थान दिया शास्त्रों में लिखा गया है कि, "यत्र नार्यस्तु पूज्यन्तदरम अर्थात जहां नारी की पूजा होती है वहां देवता भी निवास करते हैं। उस महान नारी अपनी अस्मित लड़ रही है। आये दिन अखबारों, टेलीविजन मीडिया में जो नारी अत्याचार,बलात्कार एवं हत्याएं जैसे जघन्य अपराध के बारे में पढ़ने व देखने को मिलता है उससे रूह कांप जाती है, भले-सज्जन व्यक्ति को आग लग जाती है और आक्रोश में ऐसी घटना से व्यथित हो जाता है कि उसका मन करता है कि वह स्वयं ऐसे दुष्कृत्य के अपार अपराध के दरिंदे को वह तख्ते पर लटका दे। वह ऐसे की आँखे ही निकालने को तैयार हो जाता है, जिन आंखों से नारी को जलील किया गया हो , हाथों को भी काट देने को उतावला हो जाता है जिन हाथों से नारी को अपमानित होना पड़ा या उनकी चाहकर भी....
आप सभी से मेरा हाथ जोड़कर विनती है कि आप ज्यादा से ज्यादा लोग 4 फरवरी को होने वाले जुलूस में भाग लेवें और मासूम बिटिया को न्याय दिलाने में एक जागरूक व जिम्मेदार नागरिक की अपनी महती भूमिका निभाए।
निवेदक:-
आपका अपना
सुरेश चौधरी
राष्ट्रीय अध्यक्ष सीरवी युवा परिषद