हिसार (हरियाणा), राजेन्द्र अग्रवालः यह बैठक कल हौटा प्रधान डॉ. प्रदीप चहल द्वारा जारी प्रेस नोट के विषय व विश्वविद्यालय केलेंडर में पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की फोटो न प्रकाशित करने के विषय पर हुई। बैठक में कल जो प्रेस नोट हौटा प्रधान ने व्यक्तिगत रूप से जारी किया था उसकी हौटा कार्यकारिणी के सदस्यों ने निंदा की। बैठक में प्रश्न उठाया गया कि जैसा कि हौटा प्रधान के प्रेस नोट से पता चलता है कि इस विषय में उनको 4 जनवरी को पता लगा तो यह मुद्दा उसी दिन हौटा कार्यकारिणी के सदस्यों के साथ क्यों सांझा नहीं किया गया व हौटा की मीटिंग क्यों नहीं बुलाई गई और यह विषय विश्वविद्यालय प्रशासन के संज्ञान में क्यों नहीं लाया गया। यह उनकी गलत मंशा की ओर इशारा करता है कि क्या वह इस विषय को राजनैतिक रंग देना चाहते थे। इसकी जांच होनी चाहिए। विश्वविद्यालय की फैकल्टी इस बात से बहुत आहत है कि चौधरी चरण सिंह जी की फोटो वार्षिक केलेंडर में नहीं है। ऐसा क्यों हुआ इसकी जांच की जाए व दोषी अधिकारी के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाए। समाचार पत्रों से पता चला है कि चौधरी चरण सिंह जी की फोटो विश्वविद्यालय के केलेंडर में न छपने की विश्वविद्यालय प्रशासन ने त्रुटि स्वीकार करते हुए पुन: नववर्ष केलेंडर प्रकाशित करने का निर्णय लिया है। विश्वविद्यालय में चौधरी चरण सिंह जी को सदा श्रद्धापूर्वक याद किया जाता है। उनकी जयंती और पुण्यतिथि पर विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। विश्वविद्यालय के प्रत्येक
कार्यालय में चौधरी चरण सिंह जी की फोटो भी लगी हुई है। यह किसानों के मसीहा चौधरी चरण सिंह जी को श्रद्धांजलि है। यह परंपरा बनी रहनी चाहिए। हम विश्वविद्यालय के सहायक वैज्ञानिक डॉ. विनय महला के स्थानांतरण को हौटा प्रधान द्वारा चौधरी चरण सिंह जी के मुद्दे के साथ जोडने की भी निंदा करते है। यदि ऐसी कोई बात थी तो इसे हौटा प्रधान द्वारा कार्यकारिणी सामने क्यों नहीं रखा गया। ताकि इस विषय पर विश्वविद्यालय प्रशासन के साथ बातचीत की जाती। बैठक में विश्वविद्यालय को राजनीति से दूर रखने की अपील की गई। ताकि इसके शिक्षण, शोध व विस्तार के कार्यक्रम निर्बाध रूप से जारी रहें। जिसका लाभ अन्नदाताओं को मिले, यही चौधरी चरण सिंह जी को सच्ची श्रद्धांजलि होगी।