वरिष्ठ साहित्यकार और मेरी निहारिका पत्रिका की संपादक विजया डालमिया की कहानी संग्रह "दिल जो कह गया" का वर्चुअल विमोचन रविवार को आयोजित किया गया।

नागपुुर, रामचरण  बंसल:   वरिष्ठ साहित्यकार और मेरी निहारिका पत्रिका की संपादक विजया डालमिया की कहानी संग्रह "दिल जो कह गया" का वर्चुअल विमोचन रविवार को आयोजित किया गया। ज़ूम पर आधारित इस वर्चुअल कार्यक्रम में करीब 100 लोग जुड़े रहे । यह कार्यक्रम करीब 3 घंटे तक चला।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए अंतरराष्ट्रीय कवि और गीतकार डॉक्टर विष्णु सक्सेना ने कहा कि विजया जी के इस कहानी संग्रह में जितनी  भी कहानियाँ है वह बहुत ही सरल भाषा मे लिखी गई हैं।
इससे भी बड़ी बात यह है कि उनकी हर कहानियों को पढ़ने के बाद पाठक यह महसूस करता है कि इस कहानी का किरदार वही है। यह पूरी कहानी उसके इर्द गिर्द ही घूम रही हैं। उन्होंने कहा कि हर व्यक्ति कभी न कभी अपने जीवन मे प्यार करता ही है। अगर कोई यह कहता है कि उसने कभी प्यार नहीं किया तो यह बात सच नहीं हो सकती। दिल जो कह गया  पुस्तक 33प्रेम कहानियों का संग्रह है। उसकी सभी कहानियाँ आम लोगो को लेकर लिखी गई हैं।
पुस्तक का विमोचन श्री रामचरण बंसल अंतरराष्ट्रीय अग्रवाल सम्मेलन की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष द्वारा किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ माँ सरस्वती की प्रतिमा के सामने श्री नारायण जी डालमिया के हाथों दीप प्रज्वलन से हुआ।
इस मौके पर कहानियों की लेखिका और मेरी निहारिका की संपादक विजया डालमिया ने अपनी पुस्तक में प्रकाशित कहानियों का जिक्र किया। समारोह में करीब एक दर्जन से ज्यादा लोगो ने अपने विचार व्यक्त किये और विजया डालमिया की इस पुस्तक को सराहा। इस मौके पर अग्रवाल समाज के लोगो मे बड़ा उत्साह दिखाई दिया। समारोह में हैदराबाद, नागपुर, दिल्ली, जयपुर , बेंगलुरु, कोलकता, रायपुर, बिलासपुर सहित देश-विदेेशके विभिन्न हिस्सों से 100 से अधिक लोग जुड़े रहे। जयपुर से राकेश शर्मा ने अपनी एंकरिंग से सबका मन मोह लिया। कार्यक्रम को विस्तार देने में अंतर्राष्ट्रीय अग्रवाल सम्मेलन महाराष्ट्र राज्य इकाई के अध्यक्ष राम चरण बंसल ,डॉक्टर राधा अग्रवाल और डॉक्टर मधु अग्रवाल नागपुर का सहयोग रहा। अंत मे रजनी डालमिया ने सभी का आभार जताया।