राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के आदर्श आज भी प्रासंगिक : खोवाल


   हिसार (हरियाणा), राजेन्द्र अग्रवालः  सत्य एवं अहिंसा के पुजारी राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के आदर्श आज भी प्रासंगिक सत्य एवं अहिंसा के पुजारी राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के शहादत दिवस के अवसर पर रविवार को सुबह सवा पांच बजे सर्वोदय भवन, गांधी अध्ययन केंद्र हिसार से गांधी जी के प्रिय भजनों तथा लोकतंत्र हमारा है हम सब एक हैं व अन्य एकता-सत्य-अहिंसा के नारों के उद्घोष सहित प्रभात फेरी निकाली गई। इसके तहत प्रबुद्ध नागरिकों ने शहर के भिन्न भिन्न मार्गों व गलियों से होते हुए गांधी चौक स्थित गांधी प्रतिमा पर श्रद्धापूर्वक माल्यार्पण एवं सुतांजली अर्पित की। इसके साथ ही स्वच्छता अभियान के रूप में गांधी-चौक की सफाई का कार्य भी सामुहिक रूप से किया गया।
ततपश्चात इन्हीं संदेशों, भजनों एवं उद्घोष  सहित भगतसिंह की प्रतिमा पर माल्यार्पण करते हुए वापस सर्वोदय भवन पहुंच कर सर्वधर्म प्रार्थना के साथ गांधी जी के विभिन्न आयामों एवं वर्तमान में उनकी प्रासंगिकता पर गोष्ठी के रूप में चर्चा की गई।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के जीवन दर्शन पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा कि पूरे विश्व में अकेले राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ऐसे शख्स हैं, जिनके जीवन दर्शन पर सर्वाधिक रिसर्च कार्य हुआ है और सैंकड़ों की संख्या में उनपर किताबें लिखी गई है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में एक सोची समझी साजिश के तहत धर्म संसद जैसे आयोजन किए जा रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकीलों ने भारत के चीफ जस्टिस को लिख ऐसे हिंसा व नरसंहार का खुला आह्वान करने वाले आयोजनों पर संज्ञान लेने की मांग की है। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी से असहमति रखने और उनकी आलोचना करने का अधिकार किसी को नहीं है। इस अवसर पर एडवोकेट पीके संधीर, एडवोकेट लाल बहादुर खोवाल, सर्वोदय भवन के संचालक मंडल के धर्मबीर शर्मा, बनी सिंह जांगड़ा, शैलेश वर्मा, राधा कृष्ण भारद्वाज, विक्टर डेविड, पटेल सिंह, ओम प्रकाश मेहता, रण सिंह पंवार, हुक्म सिंह, बनवारी लाल, इंदु वर्मा, सुलोचना वर्मा, प्रशांत वर्मा, हिमांशु खोवाल, मदन लाल, सुनील, धर्मवीर शर्मा, राधेश्याम गुप्ता, भगत देवराज एडवोकेेट, आरके शर्मा, वेदप्रकाश व विनोद कुमार सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति मौजूद थे।ष्ट्रपिता महात्मा गांधी के शहादत दिवस के अवसर पर रविवार को सुबह सवा पांच बजे सर्वोदय भवन, गांधी अध्ययन केंद्र हिसार से गांधी जी के प्रिय भजनों तथा लोकतंत्र हमारा है हम सब एक हैं व अन्य एकता-सत्य-अहिंसा के नारों के उद्घोष सहित प्रभात फेरी निकाली गई। इसके तहत प्रबुद्ध नागरिकों ने शहर के भिन्न भिन्न मार्गों व गलियों से होते हुए गांधी चौक स्थित गांधी प्रतिमा पर श्रद्धापूर्वक माल्यार्पण एवं सुतांजली अर्पित की। इसके साथ ही स्वच्छता अभियान के रूप में गांधी-चौक की सफाई का कार्य भी सामुहिक रूप से किया गया।
ततपश्चात इन्हीं संदेशों, भजनों एवं उद्घोष  सहित भगतसिंह की प्रतिमा पर माल्यार्पण करते हुए वापस सर्वोदय भवन पहुंच कर सर्वधर्म प्रार्थना के साथ गांधी जी के विभिन्न आयामों एवं वर्तमान में उनकी प्रासंगिकता पर गोष्ठी के रूप में चर्चा की गई।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के जीवन दर्शन पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा कि पूरे विश्व में अकेले राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ऐसे शख्स हैं, जिनके जीवन दर्शन पर सर्वाधिक रिसर्च कार्य हुआ है और सैंकड़ों की संख्या में उनपर किताबें लिखी गई है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में एक सोची समझी साजिश के तहत धर्म संसद जैसे आयोजन किए जा रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकीलों ने भारत के चीफ जस्टिस को लिख ऐसे हिंसा व नरसंहार का खुला आह्वान करने वाले आयोजनों पर संज्ञान लेने की मांग की है। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी से असहमति रखने और उनकी आलोचना करने का अधिकार किसी को नहीं है। इस अवसर पर एडवोकेट पीके संधीर, एडवोकेट लाल बहादुर खोवाल, सर्वोदय भवन के संचालक मंडल के धर्मबीर शर्मा, बनी सिंह जांगड़ा, शैलेश वर्मा, राधा कृष्ण भारद्वाज, विक्टर डेविड, पटेल सिंह, ओम प्रकाश मेहता, रण सिंह पंवार, हुक्म सिंह, बनवारी लाल, इंदु वर्मा, सुलोचना वर्मा, प्रशांत वर्मा, हिमांशु खोवाल, मदन लाल, सुनील, धर्मवीर शर्मा, राधेश्याम गुप्ता, भगत देवराज एडवोकेेट, आरके शर्मा, वेदप्रकाश व विनोद कुमार सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति मौजूद थे।