संघर्षों व गौरवगाथा की याद दिलाता है राष्ट्रीय पर्व : प्रोफेसर बी.आर. काम्बोज


  हिसार (हरियाणा), राजेन्द्र अग्रवालः  चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कैंपस स्कूल में 73वां गणतंत्र दिवस बड़ी धूमधाम से मनाया गया। कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर बी.आर. काम्बोज बतौर मुख्यातिथि उपस्थित हुए। उनकी धर्मपत्नी संतोष कुमारी भी उनके साथ थी। उन्होंने गणतंत्र दिवस पर ध्वजारोहण करने के उपरांत तिरंगा के रंगों से ओतप्रोत गुब्बारों के समूह को आकाश में छोड़ा और सभी उपस्थितों को गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि यह पर्व हमें हमारे देश के शहीदों के संघर्षो व उनकी गौरवगाथा की याद दिलाता है। हमें भी उनके सपनों को साकार करते हुए देश में जातिपाति, लिंगभेद जैसी सामाजिक कुरीतियों से ऊपर उठकर देश के उत्थान व विकास के लिए सामूहिक प्रयास करने चाहिएं। उन्होंने कहा कि हमारे देश के असंख्य लोगों ने कुर्बानियां दी हैं, ताकि हम आजाद भारत में खुली हवा में सांस ले सकें। इस देश की आन-बान-शान को बनाए रखने के लिए हम सभी का कर्तव्य है और इस दिन हम वीर सेनानियों को याद करते हैं। उन्होंने विद्यार्थियों से आह्वान करते हुए कहा कि उनसे देश को बहुत अपेक्षाएं हैं। इसलिए उन्हें अपना लक्ष्य निर्धारित कर आगे बढऩा चाहिए और अपने माता-पिता व देश का नाम रोशन करना चाहिए।
विद्यार्थियों ने सूर्य नमस्कार की भी दी प्रस्तुति
इस दौरान विश्वविद्यालय के विभिन्न महाविद्यालयों के विद्यार्थियों द्वारा देशभक्ति से ओतप्रोत रंगारंग कार्यक्रम, कविता व भाषण प्रस्तुत किए गए। इसके अलावा सूर्य नमस्कार भी किया गया। उन्होंने बताया कि इससे शारीरिक और मानसिक सेहत अच्छी रहती है। स्वस्थ समाज और राष्ट्र का निर्माण करने के लिए यह संकल्प बहुत जरूरी है। साथ ही इसका मकसद लोगों में सेहत के लिए जागरुकता लाना और प्रकृति से जुड़ कर निरोगी रहना भी है। सूर्य नमस्कार के मनोवैज्ञानिक, शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक फायदे हैं। छात्र कल्याण निदेशक डॉ. देवेंद्र सिंह दहिया ने मुख्यातिथि का स्वागत किया और अतिरिक्त छात्र कल्याण निदेशक डॉ. जीतराम शर्मा ने कार्यक्रम के समापन अवसर पर सभी का आभार व्यक्त किया और राष्ट्रगान के साथ ही कार्यक्रम को संपन्न किया गया। कार्यक्रम के दौरान कोरोना संबंधी सभी हिदायतों का पालन किया गया। इस अवसर पर कुलपति के ओएसडी डॉ. अतुल ढींगड़ा, कुलसचिव डॉ. एस.के. महत्ता सभी महाविद्यालयों के अधिष्ठाता, निदेशक, वित्त नियंत्रक, विभागाध्यक्ष, कैंपस स्कूल प्रिंसीपल सहित विश्वविद्यालय के शिक्षक व गैर शिक्षक कर्मचारी व विद्यार्थी मौजूद रहे।