लोकतंत्र व संविधान की अहमियत का एहसास कराता है गणतंत्र दिवस- जगन्नाथ


    हिसार (हरियाणा), राजेन्द्र अग्रवालः गुरूकुल आर्यनगर में बुधवार को 73वां गणतंत्र दिवस धूमधाम से मनाया गया। गुरूकुल के मंत्री एडवोकेट लाल बहादुर खोवाल ने बताया कि कार्यक्रम में बतौर मुख्यातिथि हरियाणा लोक सेवा आयोग के पूर्व सदस्य जगन्नाथ ने शिरकत करते हुए झंडा फहराया। वहीं कार्यक्रम की अध्यक्षता गुरूकुल के कार्यकारी प्रधान रामकुमार आर्य ने की।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यातिथि जगन्नाथ ने कहा कि गणतंत्र दिवस हमें लोकतंत्र व संविधान की अहमियत का एहसास कराता है। देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने 26 जनवरी 1930 को ही कांग्रेस के लाहौर अधिवेशन में रावी नदी के तट पर पूर्ण स्वतंत्रता की घोषणा कर दी थी। उन्होंने प्रतिज्ञा की थी कि जब तक हमें पूर्ण स्वतंत्रता नहीं मिल जाती, तब तक स्वतंत्रता आंदोलन चलता रहेगा। इसी वजह से 26 जनवरी का दिन गणतंत्र दिवस के रूप में चुना गया। इसी दिन गवर्नर जनरल लार्ड माउंट बैटन की जगह डॉ राजेंद्र प्रसाद राष्ट्रपति बने। गुरूकुल के मंत्री एडवोकेट लाल बहादुर खोवाल ने कहा कि गणतंत्र दिवस देश की एकता, अखंडता व स्वतंत्रता का परिचायक है। 26 जनवरी 1950 को भारत देश में अपना संविधान, अपना राष्ट्रपति, अपनी सरकार व अपना राष्ट्रीय ध्वज हो जाने पर संसार का सबसे बड़ा गणतंत्र राष्ट्र बन गया था। उन्होंने कहा कि आज के दिन राष्ट्रपति विजय चौक पर जल, थल व वायु सेना की सलामी लेते हैं। उन्होंने कहा कि इस गणतंत्रता व स्वतंत्रता को हासिल करने में लाखों शहीदों ने अपनी कुर्बानी दी है। इसलिए भारत देश के नागरिक होने के नाते हमारा भी कर्तव्य बनता है कि हम शहीदों के दिखाए मार्ग पर चलते हुए देश की एकता व अखंडता को बनाए रखें और विभाजनकारी ताकतों को दरकिनार कर उन्हें मुंहतोड़ जवाब दें। इस मौके पर सुभाष जांगड़ा, शैलेश वर्मा पूर्व डीएमईओ, महेन्द्र आर्य, दीपकुमार, मुख्याधिष्ठता मान सिंह पाठक, प्रबंधक सुरेश  शास्त्री,  बैंगलोर से राघवेन्द्र डेंगर,साहिल लडूना, प्राचार्य जोगिन्दर, डॉ. राहुल आर्य, रमेश शास्त्री, राकेश कुमार, विनोद कुमार, रवींद्र शास्त्री, सुनील , राधाकृष्ण, ओमबीर सहित गुरूकुल कार्यकारिणी के सभी सदस्य मौजूद थे।