हिसार, राजेन्द्र अग्रवालः आयुष्मान कार्ड बनाने के लिए निःशक्त नागरिक सरकारी कार्यालयों के लगा रहा चक्कर,
आये दिन ऐसे मजबूर लोगो की समस्या समाधान बारे समाजसेवी कैलाश चंद ने सीएम व सभी विधायकों को लिखा पत्र...
देश व प्रदेश की सरकारों द्वारा बेसहारों का सहारा देने व उनका लाभ उनतक पहुंचाने के लिए अनेकों योजनाएं चलाई जाती हैं। लेकिन धरातल पर ऐसा कुछ भी नहीं है ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि ऐसे बेसहारा बच्चे एक नहीं बल्कि सैकड़ों की संख्या में सरकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए दर-दर की ठोकरे खा रहे हैं लेकिन उन्हें उन तक वह सरकारी योजनाएं पहुंचाने वाले अधिकारी उनकी एक भी नहीं सुनते।
प्रदेश में काफी संख्या में ऐसे व्यक्तियों की संख्या है जो शारीरिक निःशक्त है, काफी ऐसे भी है जो 100प्रतिशत तक निःशक्त है, परन्तु सरकार द्वारा ऐसे नागरिकों को व उनके परिवारो को सरकारी योजनाओं ने नही जोड़ा है, कैलाश चंद एड्वोकेट ने बताया कि उनके पास काफी संख्या में ऐसे जरूरतमंद नागरिक (महिला, पुरुष, बुजुर्ग व बच्चे ) आते है, जो कि शारीरिक रूप से निःशक्त है उनके परिवार के पास आय का कोई साधन नही, ओर अहम बात ये है, प्रदेश के गांवों के सरंपच, पंच, शहरों में पार्षद, ऐसे लोगो की समस्या को सरकार तक नही पहुचाते, ओर ना ही सरकार ने स्वयं ऐसी पहल की है कि ऐसे मजबूर नागरिकों की प्रत्येक वर्ष सर्वे करवाई जाए, ओर उनको सरकारी योजनाओं से जोड़ा जाए, सरकार को चाहिय की सभी गांव, शहर स्तर पर जो भी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता है आशा वर्कर, पंच, सरपंच, नम्बरदारों की जिम्मेदारी लगाई जाए कि अपने अपने छेत्र में ऐसे मजबूर नागरिकों का ब्योरा सरकार को भेजे, और सरकार भी ऐसा ऑनलाइन पोर्टल की सुरुवात करे कि, ऐसे नागरिकों का विवरण पोर्टल पर दर्ज हो, ओर उसके आधार पर प्रत्येक विभाग ऐसे लोगो के लिये स्वयं इनके पास जाए और इन्हें सुविधा मुहैया करवाये, ऐसे नागरिकों ओर उनके परिवार की सहायता के लिये दर-दर भटकना न पड़े, ये सभी कार्य सरकार की जिम्मेदारी है जिससे पीछे नही हटा सकता,
बड़े बड़े पोस्टर लगाकर सरकार योजनाओ का बखान तो करती रहती हैं परन्तु जमीनी हकीकत पर पोस्टरों जैसा कुछ नहीं होता।
इसी प्रकार से जिला रेवाड़ी का नागरिक हरीश कुमार पुत्र सूरजभान निवासी गांव ततारपुर इस्तमुरार, जिला रेवाड़ी का एक नागरिक जो दोनों आंखों से 100 प्रतिशत निःशक्त है कि को व उसके परिवार को आयुष्मान कार्ड योजना से जोड़ने के लिये काफी दिनों से सरकारी कार्यालयों के चक्कर लगा रहा है जिसके लिये कैलाश चंद एड्वोकेट के माध्यम से मुख्यमंत्री को पत्र भेजा गया हैं देखना है इसकी समस्या का समाधन कब तक होना है