हिसार, राजेन्द्र अग्रवालः आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता एवं पूर्व जिला पार्षद प्रतिनिधि मनोज राठी ने हिसार के ठेकेदार एवं हांसी के पूर्व पार्षद दंपति मामले में निष्पक्ष जांच की मांग की है। उन्होंने कहा कि मामला वो नहीं है, जो दर्शाया जा रहा है बल्कि मामला कुछ और ही है।
मनोज राठी ने यहां पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि हिसार के एक ठेकेदार ने हांसी में करोड़ों के काम नगर परिषद में किए थे। इस ठेकेदार के कामों पर कई लोगों ने आरोप लगाए थे और शिकायत भी दी थी। इसी कड़ी में हांसी के एक पार्षद प्रतिनिधि ने भी इसकी शिकायत हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज को दी और कोर्ट में भी केस डालने का काम किया। अब वहां से कार्रवाई होनी निश्चित हुई तो ठेकेदार ने भी एक शिकायत शिकायतकर्ता पार्षद प्रतिनिधि के खिलाफ दी और कहा कि पार्षद प्रतिनिधि ने एक गैंग बनाकर उससे फिरौती मांगी है। उन्होंने का कि ठेकेदार की शिकाय पर पूर्व पार्षद व उसके पति पर केस दर्ज होता है लेकिन ठेकेदार ने जिस गिरोह का नाम लिया है, उनके नाम शिकायत में नहीं है। पुलिस जो केस दर्ज करती है, उसमें अन्य लोगों के नाम भी डाले जाते हैं। ऐसे में हांसी की जनता पूछना चाहती है कि आखिरकार यह मुकदमा किस—किस पर दर्ज किया गया है, किसके इशारे पर हुआ है।
मनोज राठी ने कहा कि पिछले दो दिनों से शिकायतकर्ता भी चुप है और जिन पर मुकदमा दर्ज हुआ वे भी चुप है और हांसी के विधायक भी इस मामले में चुप्पी साधे हुए है। उन्होंने आरोप लगाया कि पूर्व पार्षद दंपति पर मुकदमा विधायक विनोद भ्याना के इशारे पर दर्ज किया गया है ताकि ठेकेदार को बचाया जा सके। उन्होंने कहा कि हांसी में विकास कार्यों के लिए 220 करोड़ रुपए आए थे, वे रुपये हांसी में कहीं लगे दिखाई नहीं देते तो जांच की जानी चाहिए कि असली दोषी कौन है। उन्होंने आरोप लगाया कि ठेकेदार और विधायक सब मिलकर काम कर रहे हैं, इसीलिए सरेआम घोटाले हो रहे हैं। हांसी की सड़कों का बुरा हाल है, दो—दो तीन—तीन साल से सड़कों को खोदकर छोड़ दिया जाता है, ठेकेदारों के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं होती, अधिकारियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होती और इसमें पूर्ण रूप से मिलीभगत चलती है।
मनोज राठी ने आरोप लगाया कि रात को ठेकेदारों के टेंडर भरे जाते हैं। अगर ऐसे टेंडरों की निष्पक्ष जांच हो तो कई मामले उजागर हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि लाइटों में भी मोटा घोटाला हुआ लेकिन उस केस को भी दबा दिया गया और फिर अचानक से कोई आदमी शिकायत करता है और अचानक से उसके ऊपर एफआईआर हो जाती है और फिर शुरू होता है समझौते का खेल। उन्होंने कहा कि हांसी का विधायक द्वारा बार-बार फोन करके समझौता करवाने की बात करने की बातें सामने आ रही है। उन्होंने कहा कि इस मामले में असली खेल कुछ और ही है, हांसी विधायक की ठेकेदारों से सांठगांठ है और के विधायक के इशारे पर ही पार्षद व उसकी पत्नी पर केस दर्ज हुआ है। उन्होंने कहा कि पूर्व पार्षद व पार्षद की पत्नी ने विधायक को ही चुनाव में अपना समर्थन दिया था और चुनाव जीतने में उनकी मदद की थी। उन्होंने कहा कि अगर विधायक, ठेकेदार और शिकायतकर्ता सभी के फोनों की कॉल डिटेल निकलवाई जाए तो सब पता चल जाएगा कि मामला क्या है। विधायक ठेकेदार से भी लगातार फोन पर बातें कर रहा है और शिकायतकर्ता से भी लगातार बातें कर रहा है ताकि उनका समझौता करवाया जाए और मामले को दबाया जाए। अगर इस मामले की निष्पक्षता से जांच होगी तो ठेकेदार पर कार्रवाई होनी निश्चित है और जिन—जिन लोगों ने घपला किया है या सरकारी पैसे का दुरुपयोग किया है, माल खाया है उन सभी को पैसा वापस सरकारी खजाने में जमा कराना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार तानाशाही सरकार बन चुकी है, यहां भ्रष्ट लोगों का बोलबाला है और भ्रष्टाचारी लोगों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होती। जनता आज सरकार से परेशान हो चुकी है और आने वाले समय में भाजपा सरकार का सूपड़ा साफ करने का काम आम जनता करेगी।