अश्लीलता भरे नृत्य बलदेव के लक्की मेला में

मथुरा, विशेष संवाददाता: बलदेव विकास खण्ड के अंतर्गत शीतकालीन अगहन मास का पूर्णिमा का लक्की मेला का आयोजन कई दिनों से धूमधाम के साथ चल रहा है जिसको देखने के लिए मथुरा जनपद में    अन्य जनपदों से भी मेला प्रेमी मेला देखने को आ रहे हैं जिसमें मौत का कुआं ,कई तरीके के झूले व चरक के साथ-साथ घरेलू सामान भी बिक रहे हैं।

 मथुरा ब्रज नगरी में श्री कृष्ण बाल लीला एवं बलदेव महाराज की गाथा का बहुत बड़ा महत्व है। जिसको भारत में ही नहीं देश, विदेशों में भी माना गया है। विदेशी पर्यटक मथुरा नगरी के बलदेव महाराज के दर्शन करने के बाद धन्य होते हैं।

एक ओर धर्म-कर्म और संस्कारों पूर्ण बृज माना गया है। लेकिन बलदेव लक्की मेला में तो कुछ और ही देखने को मिलता है जी हां आपको बता दें कि मेला में स्टेज शो पर फिल्मी अश्लील गानों पर   नृत्य दर्शकों को भाँती भाँती इशारे के साथ महिलाएं थिरकती नजर आएंगी। जब कि सास्कृतिक नृत्य ब्रज की संस्कृत धरोहर है पुराने समय राधा कृष्ण ने नृत्य कर गोपियों का मन मोह लिया था।

जबकि नृत्य कलाकारों व डांस पार्टी व्यवस्थापकों ने बड़े बेनर बोर्ड पर लिखा हुआ है "न्यू काजल सांस्कृतिक नृत्य प्रदर्शनी दिल्ली" जिसका बिल्कुल सरेआम धज्जियां उड़ाई जा रही है और मेले में सांस्कृतिक नृत्य की आड़ में अश्लीलता परोसी जा रही है ।

रोजमर्रा की जिंदगी में साधु संत महात्मायों का महत्व इंसान के जीवन में सुख -शांति ,समृद्धि प्राप्त कराने के लिए बहुत महत्वपूर्ण योगदान रखते हैं लेकिन लक्की मेला नृत्य परिसर में खुलेआम एक महात्मा नृत्य व नृत्य कलाकारों को रुपया लुटाता हुआ नजर आया। जो देखने में नशे में लीन नजर आ रहा था। महात्मा की हरकतों से ऐसा लग रहा था कि उसने किसी मादक पदार्थ का सेवन किया हुआ है।

इतना ही नहीं नृत्य करने वाली महिलाओं के इशारे इतने अश्लीलता से भरे हुए थे कि डांस देखने वाले युवा अपनी जेब से रुपए निकालकर डांसर महिलाओं को देने के लिए विवश हो गए। ऐसी हरकतें अपने आप में कहीं ना कहीं ब्रज की गरिमा व धरोहर को ठेस पहुंचाने के बराबर हैं।इन  सब कारनामों के जिम्मेदार मेला कमेटी, जिला प्रशासन एव मेला व्यवस्थाकों ही है क्योंकि वो क्यों इन सब पर मूकदर्शक बने हुए हैं। प्रधानमंत्री जी के द्वारा मास्क लगाने की दी गई गाइडलाइन के उड़ा रहे धज्जियां बलदेव प्रशासन नहीं कर रहा कोई कार्रवाई