हिसार, राजेन्द्र अग्रवालः अग्रोहा धाम में लोहडी व मकर सक्रांति का पावन पर्व अग्रोहा विकास ट्रस्ट अग्रोहा धाम के राष्ट्रीय अध्यक्ष बजरंग गर्ग के नेतृत्व में धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर मूंगफली, रेवड़ी, फल, मार्क्स आदि सामान वितरित किया गया। जिसमें भारी संख्या में लोग मौजूद थे। इस अवसर पर अग्रोहा धाम के राष्ट्रीय अध्यक्ष बजरंग गर्ग ने कहा कि देश में खासकर उतरी भारत में लोहडी का त्यौहार बड़े उत्साह से मनाया जाता है। जैसे बताया गया है कि इस दिन वर्ष का सबसे लंबी अंतिम रात होती है। उत्तरी भारत में लोग इस पर्व का बेसब्री से इंतजार करते हैं एककृदूसरे को बधाई देते हैं। लोहड़ी का दिन किसानों के लिए भी उल्लास का दिन माना जाता है क्योंकि खेतों में फसलें लहराने लगती है। किसानों का जीवन इनी फसलों के उत्पादन पर निर्भर करता है। लोहड़ी में खासतौर पर इस दिन गन्ने की फसल भी बोई जाती है और पुरानी फसलें काटी जाती है। किसान देश का अन्नदाता है जो देश की जनता का पेट भरता है। उन्होंने कहा कि लोहडी के पीछे एक लंबी ऐतिहासिक कथा है जिसे दुल्ला भट्टी के नाम से जाना जाता है। यह बात अकबर के समय की है। उन दिनों दुल्ला पट्टी पंजाब प्रांत का सरदार था। उसे पंजाब का नायक कहा जाता था। उन दिनों संदलवार नामक एक जगह थी जो अब पाकिस्तान का हिस्सा है, वहां पर लड़कियों की बाजारी होती थी। उस समय दुल्ला भट्टी ने भारी विरोध किया और लड़कियों को छुड़वा कर उनकी सम्मानपूर्वक शादियां करवाई और सम्मानित जीवन दिया। लोहडी के दिन गीत गाया जाता है सुंदरी मुंदरी हो तेरा कौन बेचारा हो दुल्ला भट्टी वाला हो गीत में विशेष तौर पर दुल्ला भट्टी को याद किया जाता है। बजरंग गर्ग ने कहा कि पूरे विश्व में भारत ऐसा देश है जहां पर हर त्यौहार मिलजुल कर आपसी भाईचारे से मनाया जाता है। उन्होंने उपस्थितजनों सहित देशवासियों को लोहड़ी व मकर सक्रांति की बधाई दी और कहा कि यह त्यौहार सबके जीवन में खुशियां लाएं। इस अवसर पर निरंजन गोयल, आनंद मित्तल, पवन गोयल, विष्णु अग्रवाल, संदीप कुमार, हरीश शर्मा, मोहन फौजी, महेंद्र शर्मा, सीताराम सिंगल, गिरीश शर्मा, श्रीमती मीरा गोयल सहित अनेक गणमान्य लोगों ने लोहड़ी उत्सव में भाग लिया।