हिसार, राजेन्द्र अग्रवालः विश्व स्तर पर हरियाणवीं संस्कृति की खुशबू फैलाने की कड़ी में राह गु्रप फाउंडेशन की ओर से मान-सम्मान व दान के त्यौहार मकर संक्रांति के संदर्भ में निकटवर्ती गांव ढंढूर स्थित एम.जी. हेरिटेज विलेज में सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें मकर संक्रांति पर अब तक घर-आंगन की चारदीवारी के अन्दर निभाई जाने वाली मान मनोवल की रस्मों को संजीव मंच प्रदान किया गया। जिसमें राह संस्था से जुड़े पदाधिकारियों व कलाकारों ने बुजुर्गों के मान-सम्मान करने व दूसरी हरियाणवीं परम्पराओं को अपने-अपने अंदाज में दर्शाया। इस दौरान संपूर्ण हरियाणवीं परिधान पहने महिला प्रतिभागियों ने एक के बाद एक लोक गीत गाकर प्रदेश की लोक संस्कृति को जीवंत कर दिया।
बुजुर्गों का आशीर्वाद पाने का महत्व:-
राह ग्रुप फाउंडेशन के इस आयोजन में हरियाणवीं परम्परा के अनुसार परिवार की महिलाओं द्वारा अपने बुर्जुगों के चरण स्पर्श करके उनसे जाने अनजाने में हुई गलती के लिए क्षमा मांगने की परम्परा व दान दक्षिणा करने रीति को प्रमुख रुप से दर्शाया गया।
क्या - क्या रहा खास:-
यह जानकारी देते हुए राह ग्रुप फाउंडेशन के चेयरमैन नरेश सेलपाड़, सांस्कृतिक सह-प्रभारी कविता लौरा व राह क्लबों की राष्ट्रीय सलाहकार सुदेश चहल पूनिया के अनुसार मकर संक्रांति त्यौहार का हमारी संस्कृति में बहुत अधिक महत्व है। जिससे युवा पीढ़ी प्रेरणा ले सकेगी। इस दौरान दर्शकों ने हरियाणवीं संस्कृति के प्रत्येक पहलू को नजदीक से देखा व समझा। हरियाणवीं परिधान पहने राह संस्था से जुड़े कलाकारों ने लोक पारंपरिक काम-धन्धों, खेती उपकरणों की प्रदर्शनी, लोहार प्रदर्शनी, टोकरे बनाने की कला, बढ़ई के माध्यम से हल व रथ बनाने की कला, दरी बनाने की कला, जुलाहे की लोक पारंपरिक जीवन शैली, बीजना बनाने की कला, फुलकारी निकालने की कला, बंदनवार बनाने की कला, देसी चारपाई भराई, पीढ़ा बुनाई कला, हरियाणा की चरखा परंपरा शैली, लोक जीवन पर आधारित चित्र प्रदर्शनी को बहुत नजदीक से देखा। इस दौरान खास बात यह रही कि दर्शकों ने प्रदर्शनी के साथ-साथ हरियाणा की लोक सांस्कृतिक परंपराओं के साथ-साथ पुरानी जीवन शैली की खुशबू को महसूस किया।