हिसार, राजेन्द्र अग्रवालः हरियाणा प्रदेश व्यापार मंडल के प्रांतीय अध्यक्ष व हरियाणा कान्फैड के पूर्व चेयरमैन बजरंग गर्ग ने आढ़ती व मजदूरों से बातचीत करने के उपरांत कहा कि वे तीन महीने से ज्यादा होने के बाबजूद हरियाणा सरकार की तरफ से अनाज मंडियों के आढ़तियों के लगभग 500 करोड़ रुपये व मजदूरों की मजदूरी भी 500 करोड़ रुपये हरियाणा सरकार की तरह धान खरीद के बाकी है दोनों मिलकर एक हजार करोड़ रुपये सरकार की तरफ आढ़ती व मजदूरों के बाकी है। सरकार को तुरंत प्रभाव से एक हजार करोड़ रुपये ब्याज सहित आढ़ती व मजदूरों के देने चाहिए। प्रांतीय अध्यक्ष बजरंग गर्ग ने कहा कि 3 अक्टूबर 2021 से धान की खरीद सरकार द्वारा शुरू की गई थी लगभग 50 दिनों से धान की खरीद बंद हुए हो चुके है, मगर सरकार ने एक हजार करोड़ रुपये की आढ़तियों का कमीशन व मजदूरों की मजदूरी नहीं दी है, जो सरासर गलत है। जबकि सरकार का किसी प्रकार के रूपये व्यापारी, उद्योगपति व आम जनता की तरफ बाकी होता है तो सरकार उस रूपये को ब्याज व प्लेन्टी सहित वसूल करती है। जब व्यापारी के रूपये सरकार की तरफ निकलता है तो सरकार व्यापारी व आम जनता को सैकड़ों चक्कर लगवाकर नाजायज तंग करती है, जो उचित नहीं है। प्रांतीय अध्यक्ष बजरंग गर्ग ने कहा कि भारी गर्मी के कारण व सरकार के ठेकेदारों व सरकारी एजेंसियों द्वारा धान व गेहूं का उठान लेट करने पर धान व गेहूं में घटती आ जाती है और घटती के रूपये भी सरकार आढ़तियों से नाजायज तरीके से वसूल करती है। जबकि सरकारी की एजेंसी के अधिकारी, व ठेकेदारों की लापरवाही के कारण अनाज के उठान में देरी होने के कारण घटती आती है। सरकार को घटती के रूपये आढ़ती के ना काटकर सरकारी एजेंसी के अधिकारी व अनाज उठान के ठेकेदारों से वसूलने चाहिए। क्यांेकि समय पर मंडियों से अनाज के उठान करने की जिम्मेदारी ठेकेदारों की होती है।