हिसार, राजेन्द्र अग्रवालः चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार के कुलपति प्रोफेसर बी.आर. काम्बोज ने कहा कि भविष्य में किसानों को सब्जी व मसाला फसलों के गुणवत्तापूर्वक बीज पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध कराए जा सकेंगे। वे विश्वविद्यालय के सब्जी विज्ञान विभाग में नवनिर्मित ‘सब्जी बीज प्रसंस्करण केंद्र’ के उद्घाटन अवसर पर बतौर मुख्यातिथि बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय द्वारा विकसित विभिन्न सब्जी किस्मों के बीजों की मांग निरंतर बढ़ रही है। सब्जी बीजों की इस मांग एवं आपूर्ति के संतुलन को सुचारू बनाए रखने में यह ‘सब्जी बीज प्रसंस्करण प्लांट’ महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। इस प्लांट के लगने से समय, ऊर्जा एवं धन की बचत तो होगी ही साथ ही प्रदेश के किसानों को विश्वविद्यालय के सब्जी विज्ञान विभाग द्वारा पैदा की जा रही सब्जी किस्मों का बीज अधिक मात्रा में एवं गुणवत्ता के साथ उपलब्ध करवाया जा सकेगा। इस बीज प्रसंस्करण केंद्र का निर्माण 38.25 लाख रूपये की लागत से केंद्र सरकार की योजना ‘मिशन ऑन इंटीग्रेटेड डेवलपमेंट ऑफ हॉर्टिकल्चर’ के तहत किया गया। इस केंद्र में ‘एग्रोशा इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड कंपनी’ द्वारा निर्मित ‘यांत्रिक बीज प्रसंस्करण प्लांट’ से मात्र एक घंटे में 500 किलोग्राम सब्जी बीज की साफ-सफाई एवं ग्रेडिंग की जा सकती है। इस दौरान सब्जी विज्ञान विभाग की ओर से विभिन्न सब्जियों के बीजों की व उत्पादों की प्रदर्शनी भी लगाई गई। साथ ही कुलपति के साथ वैज्ञानिकों की टीम ने विभाग के अनुसंधान क्षेत्र का दौरा किया एवं वैज्ञानिकों का उचित मार्गदर्शन किया।
बीज की गुणवत्ता बेहतर तो उत्पादन भी होगा अच्छा
अनुसंधान निदेशक डॉ. रामनिवास ने कहा कि फसल उत्पादन एवं पैदावार सीधे तौर पर बीज की गुणवत्ता से जुड़े पहलू हैं। इसलिए अगर बीज की गुणवत्ता बेहतर होगी तो उत्पादन भी अच्छा होगा। इसके अलावा समय, ऊर्जा एवं धन की बचत के खेती में यांत्रिकीकरण अति आवश्यक है। इस दिशा में सब्जी बीज प्रसंस्करण केंद्र महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। विभागाध्यक्ष डॉ. अरूण कुमार भाटिया ने बताया कि विश्वविद्यालय का सब्जी विज्ञान विभाग प्रति वर्ष विभिन्न सब्जी एवं मसाला फसलों की लगभग 25 से 30 किस्मों का बीज उत्पादन कर ‘किचन गार्डनिंग पैकेट’ के माध्यम से प्रदेश के किसानों को सब्जी फसलों का बीज उपलब्ध करवाता है। विभाग द्वारा प्रदत सब्जी किस्में खाने में स्वादिष्ट एवं अधिक उपज देने वाली होने के कारण पिछले 5-6 वर्षों से इनके बीज की मांग अधिक बढ़ गई है। इस ‘सब्जी बीज प्रसंस्करण केंद्र’ के उपयोग से विभाग प्रदेश के किसानों की इस सब्जी बीज मांग को पूरा कर पाने में समर्थ हो पाएगा।
ये भी रहे मौजूद
कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. एस.के. मेहता, ओएसडी डॉ. अतुल ढींगड़ा, स्नातकोत्तर अधिष्ठाता डॉ. के. डी. शर्मा, अनुसंधान निदेशक डॉ. रामनिवास, विस्तार शिक्षा निदेशक डॉ. बलवान सिंह, कृषि महाविद्यालय अधिष्ठाता डॉ. एस. के. पाहुजा, छात्र कल्याण निदेशक डॉ. देवेंद्र सिंह दहिया सभी निदेशक, विभागाध्यक्ष व अन्य वैज्ञानिक मौजूद रहे।