हिसार, राजेन्द्र अग्रवालः अखिल भारतीय व्यापार मंडल के राष्ट्रीय मुख्य महासचिव व हरियाणा प्रदेश व्यापार मंडल के प्रांतीय अध्यक्ष बजरंग गर्ग ने कहा कि जीएसटी काउंसलिंग की मीटिंग में कपड़ा, रेडिमेंट कपड़ा व जूते पर जीएसटी 5 प्रतिशत से 12 प्रतिशत 1 जनवरी 2022 को करने के फैसले को वापस लेने पर खुशी जाहिर करते हुए, यह देश के व्यापारियों की संघर्ष की जीत है। जीएसटी बढ़ोतरी करने से पूरे देश व प्रदेश में व्यापारियों व आम जनता में बड़ा भारी नाराजगी थी। सरकार ने आगामी यूपी, पंजाब, गोवा, उत्तराखंड आदि राज्यों के चुनावों को देखते हुए इस फैसले को वापस लिया है। राष्ट्रीय मुख्य महासचिव बजरंग गर्ग ने कहा कि कपड़ा, रेडीमेड कपड़ा व जूते पर जीएसटी बढ़ाने की बजाय जीएसटी कम करना चाहिए। जबकि एक हजार रूपये से कम दाम वाले कपड़ा, रेडिमेंट कपड़ा, फुटवेयर देश में 80 प्रतिशत गरीब व मध्यम वर्ग के लोग उपयोग करते हैं। जीएसटी बढ़ने का असर देश के 135 करोड़ जनता पर पड़ने वाला था। मुख्य राष्ट्रीय महासचिव बजरंग गर्ग ने कहा कि केंद्र सरकार ने देश में जीएसटी लागू करने से पहले वायदा किया था कि एक देश एक टैक्स की नीति भारत देश में लागू की जाएगी। भारत तो एक देश है मगर जीएसटी के तहत केंद्र सरकार ने 6 प्रकार के टैक्स लगा दिए। यहां तक कि पूरे विश्व में जीएसटी की दरें सबसे ज्यादा भारत देश में है, जो सरासर गलत है। आम उपयोग में आने वाली वस्तुओं पर 18 व 28 प्रतिशत जीएसटी लगाकर सरकार ने जनता की जेबों में डाका डाला जा रहा है। मुख्य राष्ट्रीय महासचिव बजरंग गर्ग ने कहा कि सरकार को अपने वादे अनुसार जीएसटी की दरों को कम करके उसमें पूरी तरह से सरलीकरण किया जाए और भविष्य में कपड़ा, रेडीमेड कपड़ा व जूते पर जीएसटी बढ़ाने पर विचार भी जीएसटी काउंसिल में नहीं होना चाहिए।