परिवहन विभाग, जनता व कर्मचारियों के हित में सांझे संघर्ष की जरूरत : दलबीर किरमारा

हिसार,राजेन्द्र अग्रवालः  हरियाणा रोडवेज संयुक्त कर्मचारी संघ ने कहा है कि कर्मचारियों, आम जनता एव परिवहन विभाग को बचाने के लिए वर्तमान में किसान आंदोलन की तर्ज पर सांझे संघर्ष की जरूरत है। हरियाणा रोडवेज संयुक्त कर्मचारी संघ सदैव सभी संगठनों से एक मंच पर आकर संघर्ष करने का पक्षधर रहा है और अब भी संगठन का यही मानना है कि सरकार की निजीकरण व ठेका प्रथा जैसी नीतियों को रोकने, कर्मचरियों के हितों पर कुठाराघात रोकने व आम जनता को अधिक से अधिक परिवहन सुविधा मुहैया करवाने के लिए संगठनों की एकजुटता नितांत जरूरी है।
संगठन के प्रदेश अध्यक्ष दलबीर किरमारा एवं महासचिव आजाद सिंह गिल ने कहा कि हरियाणा रोडवेज में कई यूनियने काम कर रही है। यूनियने समय-समय पर संघर्ष भी करती रही है लेकिन अधिक यूनियन होने व उनमें एकजुटता न होने की वजह से सत्तापक्ष को उसका लाभ मिलता रहा है। ऐसे में संगठन का यही मानना है कि यदि परिवहन विभाग में कार्यरत सभी यूनियनें एक मंच पर आकर सांझा संघर्ष करें तो परिवहन विभाग का अघोषित निजीकरण रोका जा सकता है। सांझा संघर्ष से ही विभाग में बसों का बेड़ा बढ़ाने व बेरोजगारों को स्थाई रोजगार देेने की प्रक्रिया शुरू करवाई जा सकती है लेकिन यदि एकजुटता नहीं हुई तो सरकार अपना अघोषित निजीकरण जारी रखेगी, जिसका नुकसान केवल विभाग या कर्मचारियों को ही नहीं बल्कि आम जनता को भी है।
दलबीर किरमारा एवं आजाद गिल ने कहा कि सांझा संघर्ष से किसी भी संगठन को सफलता मिलना निश्चित है। कृषि कानूनों के खिलाफ किसान संगठनों द्वारा एकजुटता से किया गया संघर्ष सफलता का ताजा उदाहरण है। यदि किसान संगठनों में एकजुटता नहीं होती तो सरकार कृषि कानून कभी वापिस नहीं लेती लेकिन किसान संगठनों ने एकजुट होकर लगभग एक वर्ष तक लंबा संघर्ष किया और सफलता भी हासिल की। उन्होंने कहा कि संगठनों की एकजुटता न होने का फायदा उठाते हुए ही सरकार अब तक परिवहन विभाग का अघोषित निजीकरण चलाकर निजी बसों का बेड़ा बढ़ा चुकी है वहीं खाली पदों पर स्थाई भर्ती भी नहीं की जा रही है। उन्होंने फिर ऐलान किया कि यदि परिवहन विभाग, आम जनता व कर्मचारियों के हित में तालमेल कमेटी बनाई जाती है तो हरियाणा रोडवेज संयुक्त कर्मचारी संघ उसमें सबसे पहले शामिल होने की पहल करेगा क्योंकि संगठन के लिए कर्मचारियों व आम जनता के हित सर्वोपरि है।