हिसार,राजेन्द्र अग्रवालः औद्योगिक क्षेत्र की मौजूदा जरूरतों के अनुरूप कुशल व सक्षम युवा शक्ति उपलब्ध करवाने की दिशा में सोमवार को उद्योग समूह के प्रतिनिधियों के साथ सरकारी तथा निजी आईटीआई के प्राचार्यों व अधिकारियों की एक कार्यशाला आयोजित की गई। कार्यशाला में डीएसटी यानी दोहरी प्रशिक्षण प्रणाली के महत्व पर विस्तारपूर्वक चर्चा की गई।
अतिरिक्त उपायुक्त स्वप्निल रविंद्र पाटिल ने कौशल विकास एवं औद्योगिक प्रशिक्षण विभाग के सौजन्य से आयोजित दोहरी प्रशिक्षण प्रणाली पर आधारित कार्यशाला को संबोधित करते हुए कहा कि यह योजना सैद्धान्तिक ट्रेनिंग तथा उद्योग के माध्यम से दिए जाने वाले व्यावहारिक प्रशिक्षण का मिला-जुला रुप है। इससे छात्रों को उद्योगों की नवीनतम/अद्यतन प्रौद्योगिकियों का व्यावहारिक अनुभव हासिल होता है। उन्होंने बताया कि इससे युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर उपलब्ध होंगे।
विभाग के सहायक निदेशक मनोज सैनी ने बताया कि डीएसटी योजना के अंतर्गत उद्योग की कुशल जनशक्ति संबंधी जरूरतें पूरी करने के लिए पाठ्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। प्रशिक्षण पूरा करने के उपरान्त इस योजना के अंतर्गत राष्ट्रीय व्यवसाय प्रमाणपत्र (एनटीसी) पाने वाले प्रशिक्षणार्थियों को उद्योगों में रोजगार मिले।
कार्यशाला में राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान की प्राचार्य प्रेम किरण, जिला उद्योग केंद्र के महाप्रबंधक आईएस यादव सहित विभिन्न औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों के प्राचार्य व प्रशिक्षक तथा औद्योगिक इकाईयों के प्रतिनिधि भी उपस्थित थे।