रक्तदान से बड़ा कोई पुण्य नही-डिप्टी स्पीकर

हिसार (हरियाणा), राजेन्द्र अग्रवालः हरियाणा विधानसभा के डिप्टी स्पीकर रणबीर गंगवा ने कहा है कि रक्तदान एक ऐसा दान है जिससे बढक़र कोई और पुण्य नही है। रक्तदान का सीधा सा मतलब किसी जरूरतमंद को जीवनदान देना है। सुरभि मानव कल्याण समिति के तत्वावधान में डबवाली अग्निकांड घटना में पीडि़तों को श्रद्धांजलि देने के लिए पटेल नगर के सामुदायिक केंद्र में आयोजित रक्तदान शिविर में उपस्थितजनों को संबोधित करते उन्होंने यह बात कही। रक्तदान शिविर में हिसार के विधायक डॉ कमल गुप्ता, मेयर गौतम सरदाना, पब्लिक सेफ्टी, ग्रीवेंस और गुड गवर्नेंस सलाहकार अनिल राव, डीआईजी बलवान सिंह राणा, एयरपोर्ट निदे्ïशक एसएस बुधवार, ब्रिगेडियर एसएस बालाजी व संदीप कश्यप ने भी रक्तदाताओं की हौंसला अफजाई की। इस अवसर पर सभी विशिष्टïजनों ने डबवाली अग्निकांड पीडि़तों की याद मेें एक डाक टिकट भी जारी की।
अपने संबोधन में डिप्टी स्पीकर रणबीर गंगवा ने डबवाली अग्निकांड घटना में पीडि़तों को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि रक्त का निर्माण किसी फैक्ट्री में नही किया जा सकता, इसलिए अपने जीवन में हमें नियमित रूप से रक्तदान करना चाहिए। किसी जरूरतमंद व्यक्ति का जीवन बचाने में खुशी का जो अनुभव होता है वह अन्य किसी कार्य से नही मिलता। रक्तदान से किसी का कीमती जीवन बचाया जा सकता है। रक्तदान से शरीर में भी किसी प्रकार की कोई कमी नहीं होती बल्कि जो रक्त का दान किया है उसकी पूर्ति जल्द ही हो जाती है। इसलिए जीवन में जब भी ऐसा अवसर मिले रक्तदान अवश्य करना चाहिए। कोरोना काल तथा डेंगू जैसी बीमारियों के इस समय में रक्तदान का महत्व कई गुणा बढ़ गया है। ऐसे में युवाओं को रक्तदान के लिए आगे आना चाहिए। उन्होंने डबवाली अग्निकांड घटना में पीडि़तों को बचाने के लिए अपनी जान जोखिम में डालने वाले पब्लिक सेफ्टी, ग्रीवेंस और गुड गवर्नेंस सलाहकार अनिल राव के प्रयासों की भी सराहना की। बचाव कार्यो के दौरान वे स्वयं झुलस गए थे। इस घटना में उनकी पुत्री सुरभि की भी दुखद मृत्यु हो गई थी। रक्तदान शिविर के दौरान रक्तदाताओं को प्रोत्साहित करते हुए उन्हें प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया।  रक्तदान शिविर में अग्रोहा मेडिकल कॉलेज से आई चिकित्सक टीम ने अपनी सेवाएं दी। दोपहर तक करीब 90 यूनिट रक्त एकत्रित किया गया था। इस अवसर पर पार्षद महेंद्र जुनेजा, बायोलॉजिस्ट रमेश पूनिया, सुशील टेहरी, अक्षय मलिक, पूर्व प्रधान ताराचंद, सुदर्शन मुखीजा, समिति के प्रधान सुरेंद्र कुमार, श्याम सुंदर मधु, बसंत छाबड़ा, उत्तम सिंह, अमित मेहता, मोहनलाल, हरीश गांधी, दीपक वसूजा, जयकिशन गिरधर, कुलभूषण मेहता, बलवंत सिंह, बसंत छाबड़ा, जितेंद्र खनेजा, अन्य पदाधिकारी व सदस्य मौजूद थे।