शिक्षा के साथ-साथ युवाओं को संस्कारित व चरित्रवान बनाने में गुरुकुल पद्धति सबसे अहम : डिप्टी स्पीकर

हिसार (हरियाणा), राजेन्द्र अग्रवालः  हरियाणा विधानसभा के डिप्टी स्पीकर रणबीर गंगवा ने कहा है कि वर्तमान सरकार का ध्येय है कि युवाओं को आधुनिक परिपेक्ष्य के अनुरूप शिक्षा के बेहतर अवसर उपलब्ध कराने के साथ-साथ उन्हें संस्कारित व चरित्रवान भी बनाया जाए।

वे शनिवार को गुरुकुल आर्य नगर संस्कृत विद्यापीठ के 57 वें वार्षिक उत्सव समारोह के दोपहर बाद के सत्र में उपस्थित जनों को संबोधित कर रहे थे। समारोह की अध्यक्षता सोनीपत से समाज सेवी पलाराम ने की। विशिष्ट अतिथि के रूप में राजेंद्र गावडिय़ा, सुरेंद्र पूनिया, चंद्रा राम गुरी, वेद प्रकाश आर्य, रणसिंह सिंहमार एसडीओ, तिलक राज जैन, ओमप्रकाश जांगड़ा उपस्थित थे।

समारोह के सुबह के सत्र में हरि सिंह सैनी ने बतौर मुख्य अतिथि, नरेंद्र मिगलानी विशिष्ट अतिथि तथा सांसद स्वामी सुमेधानंद सरस्वती अध्यक्ष के रूप में उपस्थित थे। इस दौरान गुरूकुल के मानद कुलपति आचार्य रामस्वरूप शास्त्री को 1964 से यानि गुरूकुल स्थापना के समय से लगातार की गई सेवाओं को देखते हुए सम्मानित किया गया।

अपने संबोधन में डिप्टी स्पीकर रणबीर गंगवा ने कहा कि आधुनिक शिक्षा पद्धति में नैतिक मूल्यों तथा संस्कारों को अपेक्षाकृत कम महत्व दिया जाता है। वर्तमान सरकार ने इस बात को समझते हुए शिक्षा पद्धति में कुछ बदलाव किए हैं ताकि युवाओं को पढ़ाई-लिखाई के साथ-साथ एक अच्छा नागरिक भी बनाया जा सके। डिप्टी स्पीकर ने कहा कि दृढ़ संकल्प तथा मानव सेवा के प्रति लग्न की वजह से आज आर्य नगर गुरुकुल का नाम अग्रणी संस्कार संस्थानों में लिया जाता है। स्वामी दयानंद सरस्वती तथा अन्य महानुभावों द्वारा स्थापित आर्य शिक्षा पद्धति के माध्यम से युवाओं को अच्छे संस्कार देने में इस गुरुकुल का नाम प्रसिद्ध है। उन्होंने कहा कि विद्यार्थी उपनयन संस्कार के साथ गुरुकुल में निवास करते हुए विभिन्न विषयों की शिक्षा प्राप्त करते हैं। आचार्यों तथा पुरोहितों से शिक्षा प्राप्त कर चुके अनेक युवा देश की प्रगति में अपना योगदान दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि जब भी वे आर्य नगर गुरूकुल आते हैं तो उन्हें एक अलग से ही खुशी का अनुभव होता है। वे इस गुरूकुल से हमेशा के लिए जुड़े रहना चाहते है। समारोह के दौरान गुरुकुल कार्यकारिणी एवं सदस्यगणों की ओर से उन्हें स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।

बॉक्स : आज दूसरे देशों में भी बताई जा रही है यज्ञ की महिमा

गुरूकुल के प्रधान स्वामी सुमेधानंद सरस्वती ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि महर्षि स्वामी दयानंद सरस्वती द्वारा बताई गई यज्ञ की महिमा की बात दूसरे देशों में भी बताई जा रही है। गुरूकुल के प्रधान स्वामी सुमेधानंद सरस्वती, सांसद सीकर ने कहा कि उन्होंने बहुत से देशों की यात्राएं की है, जहां पर आज यज्ञ को बहुत महत्व दिया जा रहा है। भारतीय संस्कृति की रक्षा में गुरूकुलों का विशेष योगदान है। हमारी संस्कृति, संस्कृत गुरूकुलों के बिना अधूरी है। आधुनिक भारत में गुरूकुल परंपरा ज्यादा जरूरी है। वर्तमान समय में जहां समाज में कुरीतियां बढ़ती जा रही हैं। उन्होंने गुरूकुल पद्वति पर अपने विचार रखते हुए कहा कि हम सभी को गुरुकुलों के विकास एवं समवर्धन के लिए प्रयास करना चाहिए।

कार्यक्रम में स्वामी सदानंद सरस्वती, स्वामी आदित्यवेश सरस्वती, प्रमोद योगार्थी व धर्मदेव आदि ने भी आध्यात्मिक जीवन के बारे में संदेश दिया। वहीं पूर्व स्नातकों ने भी सामूहिक सहयोग के लिए गुरूकुल के कल्याण के बारे में विस्तार से चर्चा करते हुए पूर्ण सहयोग देने की बात कही। कल्याणी आर्य ने समारोह में मधुर भजनों से अध्यात्मिक समा बांधा। गुरूकुल मंत्री लाल बहादुर खोवाल, कार्यकारी प्रधान रामकुमार आर्य, मुख्य अधिष्ठाता मानसिंह पाठक, प्रबंधक सुरेश शास्त्री आदि ने आए मेहमानों को शॉल, गायत्री पट व चित्र भेंट कर सम्मानित किया। मंच संचालन देवदत्त शास्त्री तथा जगतपाल शास्त्री ने किया। इस अवसर पर हरियाणा पिछड़ा वर्ग आयोग के पूर्व चेयरमैन सतबीर वर्मा, मुख्य अधिष्ठाता मानसिंह पाठक, बार एसोसिएशन के प्रधान अनेंद्र लौरा, अजय बत्रा, सुभाष जांगड़ा, प्रबंधक सुरेश शास्त्री, युद्धवीर आर्य, कर्नल ओम प्रकाश, डॉ एसके गुलाटी, सत्यवीर मलिक, चंद्रदेव शास्त्री,बलवान शास्त्री, प्राचार्य जोगिंदर सिंह, राकेश शास्त्री, रामफल वर्मा, रामनिवास वर्मा , डॉ कौशल वर्मा, महेंद्र आर्य, सीताराम आर्य, शशिकांत, दीप कुमार आर्य, सुनील शास्त्री, राजबीर सिवाच, मुकेश कुमार, शिशुपाल शास्त्री, राहुल आर्य, फकीर चंद आर्य नगर सहित अनेक स्नातक, मातृशक्ति सहित गणमान्य उपस्थित रहे।