एलीवेटिड रोड प्रोजैक्ट कितना उपयोगी आओ विचार करें

हिसार,राजेन्द्र अग्रवाल:  हिसार नगर को ट्रैफिक जाम से छुटकारा दिलाने के लिए आजकल एलीवेटिड रोड प्रोजैक्ट के बारे काफी चर्चा हो रही है। मेरा सभी नगरवासियों से अनुरोध है कि इस प्रोजैक्ट के बारे में गम्भीरता से विचार करें । 

  क्या ट्रैफिक जाम से छुटकारा दिलाने में यही ही एक मात्र विकल्प है?  नहीं। 

     क्योंकि, ट्रैफिक की समस्या   विभिन्न कारणों से है, जैसे कि सड़क पर अतिक्रमण, गलत जगह व्हीकलज़ को खड़ा करना, पार्किंग के लिए सही जगह उपलब्ध न होना, गलत साईड पर वहीकल चलाना, सड़क पर चौराहे की गलत डिजाईन, बाईं ओर से फ्री साईड लेन न होना या उस पर अतिक्रमण होना, स्ट्रीट वैन्डरज के लिए उचित जगह उपलब्ध न होना, वहीकल चालको द्वारा लेन अनुशासन तथा अन्य नियमों की अवहेलना करना, खराब हुई वहीकल को देर तक मुख्य मार्ग से न हटाना इत्यादि।

    इनके इलावा स्थानीय प्रयोग के लिए पब्लिक यातायात ( लोकल बस सर्विस) साधनों की कमी के कारण , जन मानस को ज्यादा निजी वहीकल की जरूरत पड़ती है । शहर का मुख्य बस स्टैंड अब घनी आबादी तथा मुख्य मार्किट के नजदीक लगने की वजह से यातायात की व्यवस्था गड़बड़ा गई है। 

     बेहतर होगा यदि उपरोक्त कारणों के समाधान के लिए प्रयास करें । 

जैसे कि नगर में काफी स्थानों पर सरकारी जमीन उपलब्ध है, वहां पर भूमिगत तथा बहुमंजिला पार्किंग की व्यवस्था की जा सकती है। 

   स्ट्रीट वैन्डरज को उचित जगह उपलब्ध करवाके सड़क तथा पार्किंग एरिया को खाली कराया जा सकता है।

   सड़कों पर अतिक्रमण करने वालों से सड़कों को खाली कराया जाना चाहिए तथा इस बारे लगातार अभियान चलाते रहें।

   नगर के मुख्य बस स्टैंड को या तो अन्य किसी स्थान पर शिफ्ट करें या इसके लिए कोई वैकल्पिक सड़क का प्रबंध करें । शहर की अलग अलग दिशाओं में दो या तीन बस स्टैंड भी बनाये जा सकते हैं । इससे स्थानीय यात्रियों को बेहतर सुविधा मिल सकेगी। 

    एलीवेटिड रोड प्रोजैक्ट के लिए न तो जरूरत के मुताबिक जमीन उपलब्ध है, न ही इसकी कोई विशेष जरूरत है । इसके लिए कई वर्षो पुराने पेड़ों को काटना पड़ेगा। खुदाई, तोड़ फोड़ एवं वर्षों तक चलने वाले निर्माण कार्यों से न केवल पर्यावरण प्रदूषण बढेगा , अपितु सड़क पर चलने वाली जनता की परेशानियों और बढ़ जायेगी।

   ये भी हो सकता है कि फुट ओवरब्रिज की तरह ये योजना भी किसी काम की साबित न हो । बाहर से आने वाले ट्रैफिक के लिए नगर के चारों ओर सड़कों का लगभग जाल बिछ चुका है  क्योंकि स्थानीय यात्री सुविधाजनक एवं नजदीक के रास्ते से जाना पसंद करता है, इस लिए, वह शायद एलीवेटिड रोड प्रोजैक्ट का इस्तेमाल कम ही करेगे। 

   एलीवेटिड रोड के नीचे भी पहले की तरह यातायात व्यवस्था जारी रखनी पड़ेगी, लेकिन वह आज की बजाय ज्यादा दूभर हो जायेगी, क्योंकि, साईड लेन की चौड़ाई कम होगी तथा पार्किंग की उचित व्यवस्था न होने के कारण, आवागमन कठिन होगा । आमतौर पर इस तरह के प्रोजैक्ट के नीचे जमीन पर अतिक्रमण, कचरे के ढेर, मलबा, गन्दगी तथा कबाड़  ही दिखाई देता है, जैसा कि पहले से बने रेल ओवरब्रिजो के नीचे देखा गया है । आधुनिकता की दौड़ में एक साफ सुथरे शहर को कंक्रीट के जंगल में बदलने का क्या औचित्य है?

    एलीवेटिड रोड प्रोजैक्ट पर होने वाले भारी भरकम बजट से नगर में सरकारी चिकित्सा सेवा प्रणाली मे सुधार किया जा सकता है । नगर में एक अन्य स्थान पर नया सरकारी हस्पताल बनाया जा सकता है तथा नगर बस सर्विस की बेहतर व्यवस्था की जा सकती है ।

    मेरा योजनाकारो , नीति निर्माताओं तथा समाज के  शुभचिन्तकों से नम्र निवेदन है कि इस प्रोजेक्ट पर गहन अध्ययन तथा विचार करें । बेहतर होगा यदि आम जनता से भी इस बारे में सुझाव लिए जायँ ।

 डॉ आत्म प्रकाश सेतिया
सर्जिकल विशेषज्ञ एवं 
मैडिको सोशल एक्टीविस्ट