हिसार, हरियाणा, राजेन्द्र अग्रवाल: आंगनवाड़ी केन्द्रों को निजी एनजीओ के अधीन करने के विरोध में तथा वर्ष 2018 में हुआ समझौता लागू करवाने की मांग पर लघु सचिवालय के समक्ष चल रहा आंगनवाड़ी वर्कर एवं हेल्पर यूनियन का धरना आज सम्पन्न हो गया। विभाग की मंत्री कमलेश ढांडा व निदेशक से हुई बातचीत का ब्यौरा यूनियन नेताओं ने धरनास्थल पर एकत्रित हुई वर्कर व हेल्पर को दिया और समझौते पर खुशी जताई। इसके साथ ही यूनियन ने ऐलान किया है कि शनिवार से सभी आंगनवाड़ी केन्द्र खोले जाएंगे और सभी वर्कर एवं हेल्पर अपने-अपने काम पर जाएंगी। धरनास्थल पर बातचीत में शामिल राज्य महासचिव जगमति मलिक का स्वागत किया गया।
राज्य महासचिव जगमति मलिक एवं जिला प्रधान बिमला राठी ने धरनास्थल पर एकत्रित हुई आंगनवाड़ी महिलाओं को बताया कि 24 नवम्बर को पंचकूला में किया गया प्रदर्शन ऐतिहासिक रहा, जिसमें प्रदेशभर से हजारों वर्कर एवं हेल्पर ने हिस्सा लिया। इसी प्रदर्शन की ताकत के दबाव में मंत्री व निदेशक ने बातचीत की और अधिकतर मांगों पर सहमति बन गई। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री स्तर की मांगे मुख्यमंत्री के पास फाइल जाने के बाद हल होंगी, ऐसा मंत्री ने आश्वासन दिया है। महासचिव जगमति मलिक एवं जिला प्रधान बिमला राठी ने बताया कि सबसे बड़ी मांग आंगनवाड़ी केन्द्रों को निजी एनजीओ के अधीन न करने की थी, जिसे मान लिया है। अब आंगनवाड़ी केन्द्र पूर्व की भांति काम करते रहेंगे और इसमें किसी का कोई दखल नहीं होगा। उन्होंन कहा कि आंगनवाड़ी महिलाओं के आंदोलन की यह सबसे बड़ी जीत है और खुशी की बात है।
जगमति मलिक एवं बिमला राठी ने अन्य मांगों पर हुई चर्चा बारे भी विस्तार से बताया और कहा कि सभी मांगों पर सौहार्दपूर्ण माहौल में बातचीत हुई है। मंत्री ने अपने स्तर की व निदेशक ने अपने स्तर की मांगे शीघ्र पूरी करने का आश्वासन दिया है। इसके अलावा वर्ष 2018 का समझौता लागू करने बारे शीघ्र विचार करने व मुख्यमंत्री स्तर की मांगे मुख्यमंत्री से लागू करवाने का आश्वासन दिया है। उन्होंने बताया कि यूनियन की वरिष्ठ नेता कमला दयोरा को बहाल करने का मुद्दा प्रमुखता से उठाया गया, जिस पर मंत्री व निदेशक ने उन्हें शीघ्र बहाल करने का आश्वासन दिया है। इसके बावजूद यूनियन ने फैसला किया है कि जब तक उनकी बहाली के आदेश नहीं मिल जाते तब तक कैथल में मंत्री आवास पर चल रहा धरना पूर्व की भांति चलता रहेगा।
यूनियन नेता कमलेश बूरा, सुशीला जांगड़ा, राजबाला सहारण व मनतारी चोपड़ा ने 50 दिन से अधिक समय के धरने, प्रदर्शन में शामिल होकर इन्हें कामयाब बनाने पर जिलेभर की आंगनवाड़ी वर्कर एवं हेल्पर का आभार जताया और कहा कि भविष्य में भी एकजुटता बनाए रखें और किसी की बातों से गुमराह न हों। एकजुटता से ही सफलता संभव है। इस दौरान कर्मचारी नेता ओमप्रकाश पूनिया विशेष रूप से उपस्थित रहे। आंगनवाड़ी नेताओं ने कहा कि उनके प्रयासों से ही आंदोलन व बातचीत सिरे चढ़ी है। रोडवेज से सेवानिवृत नेता रमेश सैनी, किसान सभा नेता शमशेर पूनिया, सूबेसिंह बूरा, वरिष्ठ नेता एमएल सहगल व अन्य ने भी समझौते पर खुशी जताई और धैर्य के साथ आंदोलन चलाने पर आंगनवाड़ी महिलाओं की प्रशंसा की।