हिसार, हरियाणा, राजेन्द्र अग्रवाल : हरियाणा के अतिरिक्त कृषि निदेशक डॉ रोहताश सिंह ने किसानों से अनुरोध करते हुए कहा है कि वे एसएमएस कम्बाईन मशीन द्वारा धान की कटाई उपरांत सुपर सीडर द्वारा बड़ी ही आसानी से गेहूं की बिजाई कर सकते हैं। इससे फसल अवशेषों का बेहतर प्रबंधन भी हो जाता हैं। रविवार को कृषि अवशेष प्रबंधन योजना के तहत सुपर सीडर द्वारा गेहूँ की बिजाई के प्रदर्शन प्लाट का निरीक्षण करने उपरांत उन्होंने यह बात कही। इसके बाद उन्होंने सभी कृषि अधिकारियों की बैठक आयोजित लेकर पराली प्रबंधन की तैयारियों की समीक्षा की। उन्होंने बताया कि पिछले वर्ष इसी सीजन में फसल अवशेषों में हुई आगजनी की घटनाओं की संख्या के आधार पर जिला हिसार को येलो जोन में रखा गया हैं। ज़िले के 6 गांव रेड तथा 28 गांव येलो जोन में आते हैं। इन सभी गाँवों में नोडल अधिकारी नियुक्त किये जा चुके हैं।
अतिरिक्त कृषि निदेशक डॉ रोहताश सिंह ने बताया कि पराली के इन-सीटू प्रबंधन हेतु 4501 कृषि यंत्र तथा एक्स .सीटू प्रबंधन हेतु 9 बेलर किसानों को अनुदान पर दिए गए हैं। जिले में 299 कस्टम हायरिंग केंद्र स्थापित किए जा चुके हैं, जहाँ से किसान इन कृषि यंत्रों को किराये पर लेकर अपने खेतों में पराली का प्रबंधन कर सकते हैं। उन्होंने अनुरोध करते हुए कहा कि कोई भी किसान पराली में आग न लगाए अपितु इसको खेत में ही मिट्टी में मिलाकर अपने खेतों की उर्वरा शक्ति बढ़ाएं और मित्र कीटों रक्षा करते हुए पर्यावरण को प्रदूषित होने से बचाएँ। इस बार जिन भी किसानों ने कृषि यंत्रो के लिए अपने बिल साइट पर अपलोड कर दिए हैं। उन सभी को अनुदान दिया जाएगा।