हिंदी पत्रकारिता ने भाषा को सशक्त किया: प्रो टंकेश्वर कुमार

हिसार, हरियाणा, राजेन्द्र अग्रवाल: गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, हिसार के हिन्दी विभाग के सौजन्य से हिंदी पत्रकारिता का भाषायी दायित्व विषय पर वेबिनार का आयोजन किया गया। विश्विद्यालय के कुलपति प्रो. टंकेश्वर कुमार वेबिनार के मुख्यातिथि थे। लाल हिन्दू महाविद्यालय रोहतक के पूर्व प्राचार्य डॉ. अशोक बत्रा मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित रहे।

कुलपति प्रो. टंकेश्वर कुमार ने इस अवसर पर अपने सम्बोधन में कहा कि पत्रकारिता को शीर्ष पर ले जाने में हिंदी भाषा का अहम योगदान रहा है। हिन्दी ने ही पत्रकारिता की भाषा को सशक्त बनाया है। पत्रकारों को इस दिवस पर यह संकल्प लेना होगा कि वह हिन्दी भाषा के शब्दों को ज्यादा से ज्यादा बढ़ावा दे। ताकि समाज को अपनी मातृभाषा का सही लाभ मिल सके।

उन्होंने कहा कि मीडिया समाज में सकारात्मक भूमिका अदा करके राष्ट्र निर्माण में अपना अहम योगदान दे सकता है क्योंकि पाठक और दर्शक जैसी भाषा मीडिया के माध्यम से सीखते हैं उसका प्रभाव पूरे समाज पर पड़ता है।

इस अवसर पर उन्होंने विद्यार्थियों का आह्वान किया कि वह अच्छी भाषा सीखकर पत्रकारिता के क्षेत्र में जाएं क्योंकि समाज में हम जैसी भाषा का प्रयोग करेंगे उसी प्रकार से समाज की रचना हम सब को देखने के लिये मिलेगी।

डॉ. बत्रा ने अपने कहा कि पत्रकारिता का यह दायित्व है कि वह लोकतंत्र को मजबूत करने का कार्य करे और समाज की समस्याओं को प्रकाशित करे।

उन्होंने कहा कि हिंदी शिक्षकों का यह दायित्व है कि वह भाषा को शुद्ध रूप में विद्यार्थियों तक ले कर जाए और राष्ट्र निर्माण में अपनी भूमिका निभाए। मातृभाषा के प्रति समर्पित हो क्योंकि आज दुनिया मे जितने भी देश अव्वल स्थान पर है तो वह मातृभाषा के कारण है। उनका सब कामकाज मातृभाषा में होता है। हमें पत्रकारिता के क्षेत्र में अपनी मूल भाषा को बढ़ावा देना चाहिए।

इस अवसर पर उन्होंने कहा कि हिंदी पत्रकारों को हिंदी समाचार पत्र.पत्रिकाओं में हिंदी भाषा के ही शब्दों का प्रचलन बढ़ाना चाहिए। यह हमारा भाषा के प्रति असली दायित्व है क्योंकि भाषा से ही किसी देश की संस्कृति पहचानी जाती है।

इस अवसर पर हिन्दी विभाग के अध्यक्ष प्रो किशना राम बिश्नोई ने कहा कि विद्यार्थी को भाषा पर पकड़ बनाने के लिए साहित्य का अध्ययन अवश्य करें क्योंकि साहित्य और भाषा का अटूट सम्बन्ध रहा है। विद्यार्थी हर रोज़ निरन्तर साहित्य को अपने जीवन का हिस्सा बनाये। 

इस मौके पर इस वेब व्याख्यान में विभाग के शिक्षक डॉ बंसी लाल, डॉ गीतू धवन, डॉ शर्मिला, कल्पना, कोमल, सुमन, संतोष, सुनीता, जतिन, हिमांशु सहित सेंकडो विद्यार्थी और अन्य विभागों के शिक्षक उपस्थित रहे।