गाजीपुर, उत्तर प्रदेश, चंद्रशेखर: वेदांता हॉस्पिटल आजमगढ़ यूपी के डॉ. शिशिर कुमार जायसवाल ने कौशल्या देवी ग्राम रामगढ़ मठिया जिला गाजीपुर मरीज को अपने वेदांता के ब्रांच मऊ में सायं 7ः00 बजे 2 मई को भर्ती किया और बताया कि पूरी तरह से करोना है और जांच शुरू कर दी जांच के एक घंटे पश्चात बड़ी ब्रांच वेदांता आजमगढ़ में एंबुलेंस से मरीज को ट्रांसफर कर दिया और वहां ले जाकर तुरंत आईसीयू में एडमिट कर दिया परंतु ना तो कोई आरटी पीसीआर जांच कराई ना सिटी कराई ना किसी प्रकार का कोई ब्लड टेस्ट और एडवांस में रू 27000 जमा करवा लिए और जांच शुरू कर दी। परंतु मरीज कौशल्या देवी की मृत्यु 5 मई सायं 7ः00 बजे हो गई जब मैने डॉक्टर शिशिर कुमार से बात कि तो बताया कि मैने यह जरूर कहा था कि इनको फुल फील करोना है परंतु सस्पेक्टेड मानकर इनको दवा किया था। कोरोना सर्टिफिकेट नहीं दिया सकता जब मैने घर वालों से बात कि तो पता चला कि इनका हॉस्पिटल सरकार द्वारा कोविड-19 के लिए ऑथराइज है घर वालों ने आरोप लगाया है कि यह कोरोना बता कर मरीज कौशल्या देवी को हॉस्पिटल में भर्ती किया परंतु किसी प्रकार का कोई टेस्ट नहीं किया बाद में चलकर जब घर वालों ने कोविड-19 पोर्टल उत्तर प्रदेश पर क्लेम करने के लिए कोरोना डेथ सर्टिफिकेट मांगा तो घरवालों से आरटी पीसीआर जांच मांगने लगे इस तरह डॉक्टर के धोखाधड़ी से कोविड-19 पोर्टल पर घर वालों ने क्लेम नहीं कर पाए और सरकार द्वारा दिए गए लाभ से वंचित हो रहे हैं।