हिसार, हरियाणा, राजेन्द्र अग्रवाल: मुख्यमंत्री मनोहरलाल के खिलाफ विरोध प्रदर्शन को लेकर किसानों पर दर्ज किए गए मुकदमें प्रशासन द्वारा वापस लेना किसान आंदोलन में मील का पत्थर साबित होगा। इस जीत से किसानों का मनोबल काफी ऊँचा होगा। यह बात भारतीय किसान यूनियन चढूनी की महिला प्रदेशाध्यक्ष सुमन हुड्डा ने कही। वो गत दिवस घोड़ा फार्म रोड स्थित विद्या नगर में युवा किसान नेता विरेंद्र नरवाल के आवास पर पहुंची थी। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार से किसानों ने अपनी एकता के बल पर भाजपा सरकार ने किसानों पर दर्ज मुकदमे वापिस लेने के लिए मजबूर किया है, उसी प्रकार से केंद्र सरकार को भी काले कृषि कानून वापिस लेने पड़ेंगे।
सुमन हुड्डा ने कहा कि किसान केवल अपने लिए नहीं अपितु देश के भविष्य को बचाने के लिए लड़ाई लड़ रहे हैं। कोरोना काल ने यह साफ कर दिया है जिस प्रकार से महामारी के समय में जीवन रक्षक दवाईयों की कालाबाजारी हुई है और लोगों को दवाईयों के लिए तरसना पड़ा है, उसी प्रकार से यह तीनों काले कृषि कानून लागू होने के बाद जनता को रोटी के लिए भी तरसना पड़ेगा।
महिला प्रदेशाध्यक्ष ने कहा कि सरकार ने किसान आंदोलन को विफल करने के लिए तमाम हथकंडे अपना लिए हैं, लेकिन वे इसमें सफल नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि आज किसान सरकार की मंशा को समझ चुका है और वो सरकार की किसी भी साजिश को सफल नहीं होने देगा। इसलिए सरकार को समय रहते यह समझ जाना चाहिए कि देश की आम जनता के हितों पर कुठाराघात लंबे समय तक सहन नहीं होगा। इसलिए सरकार को तीनों काले कृषि कानूनों को वापस ले लेना चाहिए और किसानों की मांगों को पूरा करना चाहिए।