
नई दिल्ली, नगर संवाददाता: दिल्ली में स्कूलों द्वारा की जा रही मनमानी फीस बढ़ोतरी पर अब मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने सख्त रुख अपनाया है। सोमवार को एक सार्वजनिक कार्यक्रम के दौरान क्वीन मैरी स्कूल (मॉडल टाउन) के खिलाफ शिकायत मिलने पर मुख्यमंत्री ने स्कूल का रजिस्ट्रेशन रद्द करने की चेतावनी दे दी। मुख्यमंत्री ने यह स्पष्ट कर दिया कि दिल्ली सरकार इस मुद्दे पर ‘जीरो टॉलरेंस पॉलिसी’ अपनाएगी, और बच्चों व अभिभावकों को किसी भी प्रकार की धमकी या शोषण बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर साझा किए गए एक वीडियो में मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता को यह कहते हुए देखा गया:
“स्कूल को तुरंत बताइए कि अगर यह जारी रहा तो इसका रजिस्ट्रेशन कैंसिल कर दिया जाएगा। बच्चों को धमकाना और फीस बढ़ाना कानून के खिलाफ है।”
मुख्यमंत्री ने कहा,
“स्कूलों के लिए फीस बढ़ाने के नियम और दिशा-निर्देश तय हैं। यदि कोई स्कूल इनका उल्लंघन करता है या बच्चों को धमकाता है, तो उसे सख्त परिणाम भुगतने होंगे। हमने अब तक जिन स्कूलों के खिलाफ शिकायतें प्राप्त की हैं, उन सभी को नोटिस जारी किया जाएगा।”
इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि सरकार शिक्षा क्षेत्र में पारदर्शिता, समान अवसर और बच्चों के अधिकारों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है।
मुख्यमंत्री के इस एक्शन के तुरंत बाद AAP और BJP के बीच एक बार फिर जुबानी जंग छिड़ गई है।
पूर्व मंत्री सौरभ भारद्वाज ने आरोप लगाया कि:
“BJP के करीबी भारत अरोड़ा, जो कि ‘एसोसिएशन ऑफ अनएडेड प्राइवेट स्कूल्स’ के अध्यक्ष हैं, ने रेखा गुप्ता के पक्ष में चुनाव प्रचार किया था। जैसे ही BJP सरकार में आई, स्कूलों द्वारा फीस बढ़ोतरी की खबरें आनी शुरू हो गईं।”
उन्होंने यह भी कहा कि BJP निजी स्कूल लॉबी के साथ खड़ी है और आम छात्रों के हितों की अनदेखी कर रही है।
सचदेवा ने कहा कि अरविंद केजरीवाल, आतिशी और सौरभ भारद्वाज जनता को गुमराह कर रहे हैं और झूठे राजनीतिक नैरेटिव गढ़ रहे हैं।
“जब AAP सरकार की योजनाएं जैसे महिला समृद्धि योजना, आयुष्मान भारत और बिजली संकट पर सवाल उठने लगे तो अब उन्होंने स्कूल फीस का मुद्दा उठाया है, लेकिन इसमें भी उन्हें कोई सफलता नहीं मिलेगी,” उन्होंने कहा।
स्कूल फीस को लेकर लंबे समय से परेशान दिल्ली के अभिभावकों ने मुख्यमंत्री के इस फैसले का स्वागत किया है। कई माता-पिता ने सोशल मीडिया पर सरकार से उम्मीद जताई कि अब निजी स्कूलों की मनमानी पर लगाम लगेगी।
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने साफ कर दिया है कि बच्चों की शिक्षा में किसी प्रकार की राजनीति या मनमानी को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। अब यह देखना होगा कि क्या यह सख्ती ज़मीन पर असर दिखाएगी और निजी स्कूलों की जवाबदेही तय होगी या नहीं।